आए दिन क्यों हो रहा है रिश्तों का कत्ल !
📍स्थान: छतरपुर
📰 रिपोर्टर: समीर अवस्थी, by: vijay nandan
छतरपुर जिले के खजुराहो थाना क्षेत्र के गढ़रपुरा गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक बेटे ने मंदिर से गदा उठाकर अपने ही पिता की हत्या कर दी। इस वारदात से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।
कैसे हुई वारदात?
गांव में रहने वाले मनकू पाल अपने घर पर थे, तभी उनका बेटा रामपाल अचानक गुस्से में आग-बबूला हो गया। बताया जा रहा है कि रामपाल मंदिर गया और वहां से गदा उठाकर सीधा अपने पिता पर हमला कर दिया। वार इतनी भीषण थी कि मनकू पाल ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
घटना के दौरान चचेरे भाई महेश पाल ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन रामपाल के हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है।

हत्या के पीछे की वजह क्या?
गांव में इस हत्या को लेकर दो तरह की चर्चाएं हो रही हैं—
- मानसिक असंतुलन: कुछ ग्रामीणों का कहना है कि रामपाल का मानसिक संतुलन ठीक नहीं था, और वह अक्सर अजीब हरकतें करता था। इसी मानसिक स्थिति के चलते उसने इस भयावह वारदात को अंजाम दिया।
- जमीनी विवाद: वहीं, गांव के अन्य लोगों का दावा है कि पिता और बेटे के बीच जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। इसी विवाद के चलते रामपाल ने क्रोध में आकर अपने पिता की हत्या कर दी।

पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
घटना की सूचना मिलते ही खजुराहो थाना पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी रामपाल को तुरंत गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है।
एडिशनल एसपी विदिता डागर का बयान
इस मामले पर एडिशनल एसपी विदिता डागर ने कहा:
“आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जांच में जमीन विवाद की बात सामने आ रही है, लेकिन मानसिक असंतुलन की संभावना को भी खारिज नहीं किया जा सकता। मामले की गहनता से जांच की जा रही है।”

क्यों हो रहा है रिश्तों का कत्ल !
यह घटना एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर देती है कि आज के दौर में रिश्तों की अहमियत खत्म होती जा रही है। जिस पिता ने अपने बेटे को पाला-पोसा, उसी बेटे ने उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। क्या रिश्तों में अब प्यार की जगह लालच और क्रोध ने ले ली है? यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि समाज के नैतिक पतन की ओर इशारा करती है। परिवारों में बढ़ती दूरियां, विवाद और मानसिक तनाव ऐसी ही घटनाओं को जन्म देते हैं। अब सवाल यह है कि क्या रिश्तों में फिर से प्रेम और सम्मान लौटाया जा सकता है? या हम इसी तरह अपने अपनों को खोते रहेंगे?
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