कोलकाता: जादवपुर विश्वविद्यालय में एक नई विवादित घटना सामने आई है, जहां ‘आजाद कश्मीर’ और ‘फ्री फिलिस्तीन’ लिखी गई ग्रैफिटी ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। विश्वविद्यालय के गेट नंबर तीन के पास दीवार पर काले रंग से लिखे इन नारों को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के छात्र संगठन और वामपंथी गुटों के बीच तीखी बहस छिड़ गई है।
टीएमसी का आरोप, वामपंथी संगठनों का इनकार
तृणमूल कांग्रेस के छात्र संगठन टीएमसीपी (TMC Chhatra Parishad) ने इस घटना के लिए अति-वामपंथी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है। टीएमसीपी के नेताओं का कहना है कि कुछ चरमपंथी विचारधारा वाले छात्र संगठन विश्वविद्यालय में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) [CPI(M)] की छात्र इकाई ने इन आरोपों से इनकार करते हुए इसे सरकार द्वारा प्रायोजित विवाद बताया। उनका कहना है कि यह मुद्दा वास्तविक छात्र हितों से ध्यान भटकाने की कोशिश है।
पृष्ठभूमि में हालिया विरोध प्रदर्शन
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्या बसु के काफिले से दो छात्र 1 मार्च को घायल हो गए थे। इस घटना के बाद विश्वविद्यालय में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि सरकार उनके मुद्दों की अनदेखी कर रही है और विश्वविद्यालय प्रशासन दबाव में काम कर रहा है।
विश्वविद्यालय में राजनीतिक तनाव बढ़ा
इस ग्रैफिटी के सामने आने के बाद विश्वविद्यालय का माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि वे इस मामले की जांच करेंगे और यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि इस तरह की नारेबाजी किसने की।
इस पूरे विवाद ने पश्चिम बंगाल की राजनीति को फिर से गरमा दिया है, जहां टीएमसी और वामपंथी दल पहले से ही शिक्षा व्यवस्था, छात्र राजनीति और राज्य की प्रशासनिक नीतियों को लेकर आमने-सामने हैं।