मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की रणनीति को देखते हुए कांग्रेस ने भी अपनी संगठनात्मक मजबूती की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। कांग्रेस अब अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने जा रही है। इसके पीछे पार्टी का उद्देश्य है – कार्यकर्ताओं को अनुशासित, विचारधारा-समर्पित और संगठन-हितैषी बनाना।
क्यों शुरू किया कांग्रेस ने प्रशिक्षण अभियान?
भारतीय जनता पार्टी लंबे समय से अपने नेताओं, मंत्रियों और कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करती रही है। इनसे उन्हें संगठनात्मक नीति, भाषण कला, जनसंपर्क और राजनीतिक प्रबंधन की समझ दी जाती है।
कांग्रेस भी अब इस दिशा में कदम बढ़ा रही है ताकि उसके कार्यकर्ता:
- पार्टी की विचारधारा को गहराई से समझें
- अनुशासन में रहें
- संगठन के लिए परिणाम देने वाले कार्य करें
- जनता से बेहतर संवाद स्थापित करें
प्रशिक्षण की ज़िम्मेदारी किसके पास?
इस अभियान की ज़िम्मेदारी कांग्रेस के प्रशिक्षण विभाग को दी गई है। विभाग प्रदेश भर से सक्रिय और प्रतिभाशाली प्रशिक्षकों की टीम बना रहा है, जो कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे।
संगठन महामंत्री डॉ. संजय कामले का बयान:
“यह पहल पार्टी के उन कार्यकर्ताओं को आगे लाने का अवसर है जो विचारधारा के प्रति समर्पित हैं, शिक्षित हैं, और समय के साथ चलकर संगठन में सकारात्मक योगदान देना चाहते हैं।”
प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए विवरण कैसे भेजें?
कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं से सीधे संपर्क के लिए व्हाट्सएप नंबर 9993375005 जारी किया है। इच्छुक कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे 23 जून, 2025 तक अपना विवरण भेजें।
ज़िला और शहर अध्यक्षों को निर्देश
डॉ. कामले ने सभी ज़िला और शहर कांग्रेस अध्यक्षों, विधायकों और प्रभारियों से आग्रह किया है कि वे यह जानकारी अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं तक पहुंचाएं, ताकि प्रतिभाशाली लोगों को संगठन से जोड़ा जा सके।
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य क्या है?
यह अभियान केवल एक “फॉर्मल ट्रेंनिंग” नहीं है, बल्कि कांग्रेस को जमीनी स्तर से मजबूत करने की योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य:
- पार्टी में अनुशासन और समर्पण बढ़ाना
- संगठन में नई ऊर्जा और विचार लाना
- युवा, शिक्षित और सक्रिय कार्यकर्ताओं को नेतृत्व के लिए तैयार करना
कांग्रेस बनाम बीजेपी: क्या यह नई रणनीति असरदार होगी?
बीजेपी के पास संगठनात्मक मजबूती का लंबा अनुभव है। कांग्रेस यदि इसी राह पर चलती है और कार्यकर्ताओं को सही दिशा व ट्रेनिंग देती है, तो निश्चित रूप से यह आगामी चुनावों में असर डाल सकती है।
निष्कर्ष: कांग्रेस की वापसी की तैयारी?
मध्य प्रदेश में कांग्रेस अब केवल विरोध की राजनीति से बाहर निकलकर “संगठन के पुनर्गठन” की तरफ बढ़ रही है। अगर यह प्रशिक्षण अभियान सफल रहा, तो यह पार्टी की जमीनी पकड़ को फिर से मजबूत कर सकता है।