दंतेवाड़ा। रिपोर्टर – आज़ाद सक्सेना।
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना का 25वां वर्ष पूरे प्रदेश में रजत जयंती वर्ष के रूप में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किरंदुल सेक्टर में “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” अभियान के अंतर्गत बाल मेले का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में आंगनबाड़ी केंद्रों के नन्हें-मुन्ने बच्चों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से सबका दिल जीत लिया।
छोटे बच्चों का अन्नप्राशन और फैंसी ड्रेस शो
कार्यक्रम की शुरुआत में छः माह के बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार कराया गया। इसके बाद छोटे-छोटे बच्चों ने रंग-बिरंगे परिधानों में सजीव प्रस्तुतियां दीं।
- कोई राधा रानी बनी
- कोई दुर्गा माता के रूप में सजी
- किसी ने किसान का रूप धारण किया
- तो कोई ढोल-नाचा कलाकार और लकड़हारा बनकर मंच पर उतरा
इन सभी फैंसी ड्रेस प्रस्तुतियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने वातावरण को उल्लास और उमंग से भर दिया।
कुपोषण और बाल विवाह पर जागरूकता
कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों और माताओं को कुपोषण से बचाव, बच्चों के स्वस्थ खानपान तथा बेटियों की शिक्षा के महत्व पर जागरूक किया गया। साथ ही बताया गया कि—
- घरेलू हिंसा से बचाव
- सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों से सतर्क रहना
- और शिक्षा की कमी के कारण होने वाले बाल विवाह को रोकना बेहद जरूरी है।
गणमान्य लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर ग्राम पंचायत कोड़ेनार की सरपंच मीना मंडावी, पूर्व जनपद उपाध्यक्ष भावना सक्सेना, किरंदुल सेक्टर सुपरवाइजर शांति मिडियामी, किरंदुल सेक्टर अध्यक्ष सुजाता गुप्ता, सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं, हितग्राही माताएं और बच्चे बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
यह आयोजन न केवल बच्चों की प्रतिभा प्रदर्शन का मंच बना, बल्कि समाज को बेटियों की शिक्षा, पोषण और बाल विवाह जैसी गंभीर समस्याओं के प्रति जागरूक करने का संदेश भी दिया।





