by: vijay nandan
रायपुर: छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। राज्य सरकार ने 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खांसी की सिरप देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय भारत सरकार की नई एडवाइजरी जारी होने के तुरंत बाद लिया गया। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) और सिविल सर्जनों को तत्काल निर्देश जारी किए हैं कि इस आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।
औषधि दुकानों पर सख्त निगरानी
निर्देश के बाद अब खांसी-जुकाम की दवाएं केवल चिकित्सकीय परामर्श पर ही दी जा सकेंगी। औषध निर्माण इकाइयों और मेडिकल स्टोर्स पर निगरानी बढ़ा दी गई है। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन (CGMSC) ने स्पष्ट किया है कि जिन कंपनियों पर अन्य राज्यों में कार्रवाई हुई है, वे राज्य की सप्लाई लिस्ट में शामिल नहीं हैं।

ड्रग और औषधि निरीक्षक दल सक्रिय
राज्यभर में औषध निरीक्षक दल गठित किए गए हैं जो निजी फार्मेसियों पर आकस्मिक जांच कर रहे हैं। जिन दुकानों में बिना डॉक्टर की पर्ची के दवाएं बेची जा रही हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने आमजन से अपील की है कि 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी सिरप या दवा न दें। विभाग ने कहा कि गलत दवा देने से बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।
छिंदवाड़ा की लापरवाही से लिया सबक?
छिंदवाड़ा की मौतों से लिया सबक, छिंदवाड़ा में संदिग्ध कोल्ड्रिफ कफ सिरप से 16 बच्चों की मौत हो गई..परासिया में बच्चों की लगातार हो रही मौतों ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए औषधि प्रशासन विभाग ने स्थानीय मेसर्स अपना मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उसका ड्रग लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है।