भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इसके चलते प्रशासन ने चार धाम यात्रा और हेमकुंड साहिब यात्रा को 5 सितंबर 2025 तक अस्थायी रूप से रोक दिया है।
गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
चार धाम यात्रा का महत्व
चार धाम यात्रा हर साल अप्रैल–मई से शुरू होकर अक्टूबर–नवंबर तक चलती है। इसमें चार प्रमुख धाम शामिल हैं:
- यमुनोत्री धाम – देवी यमुना को समर्पित।
- गंगोत्री धाम – मां गंगा का उद्गम स्थल।
- केदारनाथ धाम – भगवान शिव का पवित्र ज्योतिर्लिंग।
- बद्रीनाथ धाम – भगवान विष्णु को समर्पित।
हिंदू धर्म में यह यात्रा बेहद पवित्र मानी जाती है। मान्यता है कि चारों धाम के दर्शन से पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हेमकुंड साहिब का महत्व
चार धाम यात्रा के साथ ही सिख धर्म का महत्वपूर्ण तीर्थ हेमकुंड साहिब भी इस बार प्रभावित हुआ है। इसके कपाट 25 मई 2025 को खुले थे और अक्टूबर में बंद होंगे। भारी बारिश को देखते हुए यहाँ भी श्रद्धालुओं की आवाजाही फिलहाल रोकी गई है।
कब खुलते और बंद होते हैं धामों के कपाट?
चारधाम यात्रा की शुरुआत कपाट खुलने से और समाप्ति कपाट बंद होने पर होती है। इस साल की मुख्य तिथियां इस प्रकार हैं:
- यमुनोत्री धाम – कपाट खुले: 30 अप्रैल 2025 | बंद होंगे: 2 नवंबर 2025
- गंगोत्री धाम – कपाट खुले: 30 अप्रैल 2025 | बंद होंगे: 2 नवंबर 2025
- केदारनाथ धाम – कपाट खुले: 2 मई 2025 | बंद होंगे: 15 नवंबर 2025
- बद्रीनाथ धाम – कपाट खुले: 4 मई 2025 | बंद होंगे: 18 नवंबर 2025
श्रद्धालुओं के लिए सलाह
- मौसम विभाग की चेतावनी पर ध्यान दें।
- अनावश्यक रूप से ऊँचाई वाले क्षेत्रों की यात्रा से बचें।
- प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें।
फिलहाल चार धाम यात्रा और हेमकुंड साहिब दर्शन 5 सितंबर तक स्थगित कर दिए गए हैं। श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे मौसम की स्थिति सामान्य होने तक यात्रा की योजना न बनाएं। नवंबर तक कपाट खुले रहेंगे, इसलिए भक्त सुरक्षित समय पर दर्शन कर सकेंगे।