BY: MOHIT JAIN
रांची में स्कूली बच्चों के बीच आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने भारतीय सेना के बारे में महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने कहा,
“फौज ही एकमात्र ऐसी जगह है जहां भाई-भतीजावाद नहीं होता।”
सीडीएस चौहान ने बच्चों को देश की सेवा करने और नई जगहों की खोज करने के लिए सशस्त्र बलों में शामिल होने की प्रेरणा दी। उन्होंने बताया कि सेना केवल करियर का विकल्प नहीं बल्कि राष्ट्र सेवा का सबसे बड़ा माध्यम है।
प्राकृतिक आपदाओं में सेना की भूमिका

जनरल चौहान ने यह भी कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने इस वर्ष विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के दौरान नागरिकों को बचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि सेना हर परिस्थिति में नागरिकों की सुरक्षा और मदद के लिए तत्पर रहती है।
ऑपरेशन सिंदूर पर खुलासा
सीडीएस अनिल चौहान ने इस मौके पर “ऑपरेशन सिंदूर” के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नागरिकों को किसी तरह का नुकसान न हो, इसलिए 7 मई की रात 1 बजे पहला हमला किया गया।
उनके अनुसार, “रात के समय लंबी दूरी के लक्ष्यों पर सटीक हमला करने के लिए विशेष तैयारी और प्रयास की जरूरत होती है।”
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद हुई थी। इस हमले में 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।
युवाओं के लिए संदेश
सीडीएस चौहान ने युवाओं और स्कूली बच्चों से कहा कि सशस्त्र बलों में शामिल होकर वे न केवल देश की सेवा कर सकते हैं बल्कि नई जगहों की खोज और रोमांचक जीवन का अनुभव भी कर सकते हैं।
क्यों यह बयान महत्वपूर्ण है
सीडीएस अनिल चौहान का यह बयान सेना के मूल्यों, अनुशासन और पारदर्शिता को उजागर करता है। यह संदेश युवाओं में देशभक्ति की भावना को मजबूत करता है और उन्हें फौज जैसी संस्था की वास्तविकता से अवगत कराता है।





