BY: Yoganand Shrivastva
दिल्ली के जंगपुरा क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन ने रविवार सुबह बड़ी कार्रवाई शुरू की। मद्रासी कैंप नामक अवैध बस्ती में 300 से अधिक मकानों को गिराने का अभियान चलाया जा रहा है। अभी तक 200 से ज्यादा घर ध्वस्त किए जा चुके हैं। इस कार्रवाई का स्थानीय निवासियों, खासकर महिलाओं ने विरोध किया है, जिससे मौके पर पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों की भारी तैनाती देखी जा रही है।
सुबह-सुबह शुरू हुआ बुलडोजर ऑपरेशन, RAF तैनात
यह अभियान सुबह के शुरुआती घंटों में डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) के अधिकारियों की अगुवाई में शुरू हुआ। मौके पर पुलिस के साथ-साथ रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को भी लगाया गया है। कई बुलडोजर और जेसीबी मशीनें बस्ती में तैनात हैं जो अवैध निर्माणों को हटाने का काम कर रही हैं।
स्थानीयों का धरना, कार्रवाई का विरोध
कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी सड़कों पर उतर आए और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाकर रास्ता साफ किया, लेकिन लोगों का गुस्सा बरकरार है। वे अपने घर उजड़ने पर नाराज़गी जता रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्हें रहने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं मिली है।
हाईकोर्ट के आदेश पर हो रही कार्रवाई
इस कार्रवाई की जड़ें 9 मई 2025 को दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश में हैं, जिसमें अदालत ने मद्रासी कैंप को अवैध घोषित करते हुए हटाने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने माना था कि यह बस्ती बारापूला नाले के पास अतिक्रमण कर बनाई गई है, जिससे क्षेत्र में जलभराव और गंदगी की गंभीर समस्या पैदा हो रही है, खासकर मानसून के दौरान।
पुनर्वास का मुद्दा, केवल कुछ लोगों को मिले फ्लैट
दिल्ली सरकार और प्रशासन ने दावा किया है कि नरेला में पुनर्वास के लिए फ्लैट उपलब्ध कराए गए हैं। हालांकि, मद्रासी कैंप के निवासियों का आरोप है कि इनमें से केवल 189 परिवारों को ही आवास दिए गए, जबकि बाकी लोगों को अब तक कोई विकल्प नहीं मिला है। ऐसे में वे पूछ रहे हैं – “हम अब कहां जाएं?”
क्या है पूरी घटना की टाइमलाइन?
- 9 मई 2025: हाईकोर्ट ने मद्रासी कैंप को अवैध बताते हुए हटाने का आदेश दिया।
- उसके बाद: प्रशासन ने कई बार घर खाली करने के नोटिस जारी किए, पर लोगों ने अनुपालन नहीं किया।
- 1 जून 2025: नोटिस की समय सीमा समाप्त होते ही प्रशासनिक अमले ने कार्रवाई शुरू की।