BY: Yoganand Shrivastva
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी द्वारा पीओके को लेकर दिए गए बयान पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पीओके की स्थिति जल्द बदलने वाली है और वह दिन दूर नहीं जब यह हिस्सा भारत में वापसी करेगा।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने हाल ही में कहा था कि अगर राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री होते, तो आज पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) भारत का अभिन्न हिस्सा होता। इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बृजभूषण शरण सिंह ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला।
बृजभूषण सिंह ने क्यों कहा – “पीओके के टुकड़े होने वाले हैं”?
बृजभूषण शरण सिंह ने रेवंत रेड्डी के दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा,
“पीओके किसने दिया? यह कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति का ही नतीजा है। देश का विभाजन और पीओके की स्थिति उसी शासन की देन है। कांग्रेस कभी पीओके वापस नहीं ले सकती, यह काम केवल भाजपा करेगी। देखते रहिए, पीओके के टुकड़े होने वाले हैं और वह भारत में शामिल होकर रहेगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी की नीति और दृष्टिकोण राष्ट्रहित में स्पष्ट है और सरकार हर मोर्चे पर सशक्त निर्णय लेने में सक्षम है।
राहुल गांधी के नेतृत्व पर सीधा हमला
राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने की संभावना पर कटाक्ष करते हुए बृजभूषण शरण सिंह ने कहा,
“राहुल गांधी कभी भी इस देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते। उनकी सोच स्पष्ट नहीं है। उनकी राजनीति सिर्फ पाकिस्तान और ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ को खुश करने तक सीमित है। वह राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता के मामलों में गंभीर नहीं हैं। यदि वे कभी प्रधानमंत्री बने, तो देश की सुरक्षा पर संकट आ सकता है।”
रेवंत रेड्डी का बयान क्या था?
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने 29 मई को हैदराबाद में एक सार्वजनिक मंच से कहा था कि अगर राहुल गांधी देश का नेतृत्व करते, तो पीओके अब तक भारत में समाहित हो चुका होता। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि पाकिस्तान ने अब तक भारत के कितने राफेल विमान गिराए हैं। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाओं के बावजूद पाकिस्तान से कश्मीर वापस नहीं ला सके।
रेवंत रेड्डी ने भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने अमेरिकी दबावों के बावजूद पाकिस्तान को विभाजित किया और बांग्लादेश को स्वतंत्रता दिलाई। रेड्डी का मानना है कि वर्तमान नेतृत्व वैसी दृढ़ता नहीं दिखा पाया।
विपक्ष की मांग – संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए
रेवंत रेड्डी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई विपक्षी नेताओं ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े सवालों के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उन्होंने कारगिल युद्ध की तर्ज पर इस अभियान की जांच कराए जाने की बात भी कही है।