बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी ने बेरूदी नदी के लाल पानी और एनएमडीसी ब्लास्टिंग से प्रभावित दर्जनों गांवों का दौरा कर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। विधानसभा में मुद्दा उठाने और समाधान नहीं होने पर आंदोलन का दिया आश्वासन।
बीजापुर में लाल पानी से तबाही, विधायक विक्रम मंडावी ने किया प्रभावित गांवों का दौरा
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में लाल पानी और एनएमडीसी की ब्लास्टिंग से त्रस्त ग्रामीणों की पीड़ा सुनने के लिए शुक्रवार को विधायक विक्रम मंडावी ने करका, हिरोली, डुमरीपालनार, पुसनार समेत एक दर्जन से अधिक गांवों का दौरा किया। उन्होंने सैकड़ों ग्रामीणों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं गंभीरता से सुनीं।
बेरूदी नदी में मिल रहा खदान का दूषित पानी, ग्रामीणों की फसलें और मवेशी प्रभावित
ग्रामीणों ने विधायक को बताया कि बैलाडीला पहाड़ी से निकलने वाली बेरूदी नदी में एनएमडीसी खदानों का दूषित पानी मिल रहा है, जिससे पानी लाल रंग में तब्दील हो गया है। इस “लाल पानी” ने दर्जनों गांवों के गरीब आदिवासी किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है। साथ ही मवेशी भी यह जहरीला पानी पीकर मर रहे हैं, परंतु अब तक किसी भी ग्रामीण को मुआवजा नहीं मिला है।
एनएमडीसी ब्लास्टिंग से मकानों को नुकसान, जानमाल पर खतरा
डुमरीपालनार के ग्रामीणों ने विधायक को बताया कि एनएमडीसी द्वारा की जाने वाली नियमित ब्लास्टिंग से उनके मकानों की दीवारों से पत्थर और धूल गिर रही है, जिससे जानमाल को खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार शासन, प्रशासन और एनएमडीसी प्रबंधन से शिकायत की, पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे अब ग्रामीणों में एनएमडीसी को लेकर गहरा रोष है।
ग्रामीणों की मांगें: अस्पताल, नौकरी और मुआवजा
ग्रामीणों ने विधायक के सामने निम्नलिखित मांगें रखीं:
हिरोली गांव में एक सर्व-सुविधायुक्त अस्पताल की स्थापना
प्रभावित परिवारों के एक-एक सदस्य को नौकरी
लाल पानी और ब्लास्टिंग से हुए नुकसान का सर्वे
उचित मुआवजा प्रदान किया जाए
विधायक ने दिया आश्वासन, जरूरत पड़ी तो आंदोलन
विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि लाल पानी और ब्लास्टिंग की समस्या गंभीर और चिंताजनक है। उन्होंने कहा,
“सरकार और एनएमडीसी प्रबंधन को इस दिशा में तुरंत कार्य करना चाहिए। मैं स्वयं विधानसभा और संबंधित विभागों में इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाऊंगा।”
विधायक ने भरोसा दिलाया कि अगर सरकार और एनएमडीसी ने ग्रामीणों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया, तो वे प्रभावित ग्रामीणों के साथ मिलकर आंदोलन करेंगे। उन्होंने यह भी मांग की कि प्रभावित गांवों में एक सर्वे कराया जाए और नुकसान के अनुसार उचित मुआवजा दिया जाए।