बिहार की राजनीति में एक बार फिर तनाव का माहौल है। विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया है। इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। आरजेडी ने नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की है, जबकि जनता दल (यूनाइटेड) ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
क्या है मामला?
विपक्षी दलों का आरोप है कि नीतीश कुमार ने एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रगान बजने के समय उचित सम्मान नहीं दिखाया। इस घटना के बाद आरजेडी ने नीतीश कुमार पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया और उनके इस्तीफे की मांग की।
आरजेडी का विरोध प्रदर्शन
आरजेडी ने इस मामले को लेकर राज्यभर में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। पार्टी के नेता नीतीश कुमार पर सीधे निशाना साध रहे हैं और उन्हें “खलनायक” करार दे रहे हैं। आरजेडी के कार्यकर्ताओं ने राबड़ी देवी के घर के बाहर भी पोस्टर लगाए हैं, जिसमें नीतीश कुमार को “नायक नहीं, खलनायक” बताया गया है।
जदयू का जवाब
जदयू ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह विपक्ष की राजनीतिक चाल है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार ने हमेशा राष्ट्रगान का सम्मान किया है और यह आरोप बेबुनियाद हैं।

राजनीतिक विश्लेषण
नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में X फैक्टर माने जाते हैं। उनकी नीतियों और नेतृत्व क्षमता को लेकर अक्सर चर्चा होती है। हालांकि, इस विवाद के बाद उनकी छवि पर सवाल उठने लगे हैं। विपक्षी दलों का मानना है कि यह मामला नीतीश कुमार की सियासी पकड़ को कमजोर कर सकता है।
आगे क्या होगा?
इस विवाद ने बिहार की राजनीति को फिर से गरमा दिया है। आरजेडी का विरोध प्रदर्शन और नीतीश कुमार पर इस्तीफे का दबाव बढ़ने से स्थिति और तनावपूर्ण हो सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार इस चुनौती का सामना कैसे करते हैं और क्या वे अपनी सियासी पकड़ बनाए रख पाएंगे।
मुख्य बिंदु:
- आरजेडी ने नीतीश कुमार पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया।
- पार्टी ने नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की है।
- जदयू ने आरोपों को राजनीतिक चाल बताया है।
- आरजेडी ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।
- नीतीश कुमार की छवि पर सवाल उठने लगे हैं।
इस विवाद ने बिहार की राजनीति में नई गर्मी ला दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला आगे किस रूप में विकसित होता है।