पटना, 29 मार्च 2025:
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आईएएस अधिकारी संजीव हंस के भ्रष्टाचार मामले की जांच के दौरान बड़ी कार्रवाई की है। ED ने बिहार सरकार के सात वरिष्ठ अधिकारियों के आवासों से 11.64 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं। यह कार्रवाई सरकारी टेंडर और ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के आरोपों पर की गई है।
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किस-किस के यहां हुई तलाशी?
ED ने निम्नलिखित अधिकारियों के घरों और दफ्तरों पर छापेमारी की:
- तारिनी दास – निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता
- मुमुक्षु चौधरी – वित्त विभाग में संयुक्त सचिव
- उमेश कुमार सिंह – शहरी विकास विभाग में कार्यपालक अभियंता
- अयाज अहमद – बिहार शहरी बुनियादी ढांचा विकास निगम के उप परियोजना निदेशक
- सागर जायसवाल – बिहार मेडिकल सर्विसेज में उप महाप्रबंधक
- विकास झा – उप महाप्रबंधक (मेडिकल सर्विसेज)
- साकेत कुमार – निर्माण विभाग में कार्यपालक अभियंता
क्या मिला ED को?
- 11.64 करोड़ रुपये नकद (गिनने के लिए चार मशीनें लगीं)
- जायदाद के कागजात
- रिश्वत बांटने के रिकॉर्ड
- डिजिटल सबूत (मोबाइल, लैपटॉप आदि)
संजीव हंस का क्या है मामला?
संजीव हंस पर भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने बिहार सरकार में अपने पद का गलत इस्तेमाल कर अनाप-शनाप संपत्ति जमा की।
मामले की शुरुआत कैसे हुई?
- जनवरी 2023 में एक वकील ने संजीव हंस और पूर्व RJD MLA गुलाब यादव पर बलात्कार, धमकी और गर्भपात कराने का आरोप लगाया।
- पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में FIR खारिज कर दी, लेकिन इसी दौरान संजीव हंस की संपत्ति पर सवाल उठे।
- बिहार पुलिस ने अनाप-शनाप संपत्ति के मामले में FIR दर्ज की।
- ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच शुरू की।
ED की पिछली कार्रवाई
- दिसंबर 2024 में ED ने संजीव हंस से जुड़ी 23.72 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की।
- इसमें नागपुर की जमीन, दिल्ली और जयपुर के फ्लैट शामिल थे।
- 1.25 करोड़ रुपये के गहने, 65 लाख के लक्जरी घड़े और 60 करोड़ के शेयर्स भी जब्त किए गए।
- 70 से ज्यादा बैंक अकाउंट्स फ्रीज किए गए।
संजीव हंस की गिरफ्तारी
- 18 अक्टूबर 2024 को ED ने संजीव हंस और गुलाब यादव को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया।
- वह अभी बेउर सेंट्रल जेल में बंद हैं।
क्या था संजीव हंस का रोल?
- वह बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के चेयरमैन थे।
- आरोप है कि उन्होंने 3,300 करोड़ रुपये के टेंडर में रिश्वत ली।
- उन पर बड़े नेताओं से संबंध बनाकर भ्रष्टाचार करने का आरोप है।
आगे क्या होगा?
ED अब और अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। जांच जारी है।
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