BY
Yoganand Shrivastava
Bhopal news: मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश के युवाओं को विज्ञान, सुरक्षा और राष्ट्रनिर्माण से जोड़ने की दिशा में एक नई पहल करने जा रही है। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर ने भोपाल में पत्रकारों से चर्चा के दौरान बताया कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत भोपाल में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सिम्युलेटरी स्पेस सेंटर की स्थापना का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है।
अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जिज्ञासा बढ़ाने की पहल
मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि यह केंद्र युवाओं में स्पेस टेक्नोलॉजी को लेकर वैज्ञानिक सोच विकसित करेगा। यहां छात्रों को मिसाइल और सैटेलाइट तकनीक के विकास की संपूर्ण प्रक्रिया को सरल और रोचक तरीके से समझाया जाएगा। यह सेंटर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से विकसित किया जाएगा।
जीरो ग्रेविटी और स्पेस स्टेशन का अनुभव
प्रस्तावित सिम्युलेटरी स्पेस सेंटर में ऐसा ढांचा तैयार किया जाएगा, जहां जीरो ग्रेविटी जैसी परिस्थितियों का अनुभव कराया जा सके। छात्र यह जान सकेंगे कि अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन में कैसे रहते हैं, काम करते हैं और वैज्ञानिक प्रयोग करते हैं। इससे स्पेस साइंस में करियर बनाने के लिए युवाओं को नई प्रेरणा मिलेगी।
‘शौर्य संकल्प प्रशिक्षण योजना–2025’ की घोषणा
राज्यमंत्री ने अत्यंत पिछड़ा वर्ग के युवाओं के लिए प्रस्तावित शौर्य संकल्प प्रशिक्षण योजना–2025 को भी महत्वपूर्ण कदम बताया। इस योजना के अंतर्गत हर वर्ष लगभग 4000 युवाओं को आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे सेना, अर्धसैनिक बल, पुलिस, होमगार्ड और निजी सुरक्षा सेवाओं में भर्ती के लिए तैयार हो सकें। प्रशिक्षण में शारीरिक दक्षता के साथ अनुशासन, राष्ट्रप्रेम और कर्तव्यबोध पर विशेष जोर रहेगा।
ओबीसी छात्रावास बनेंगे आदर्श छात्रावास
मंत्री ने जानकारी दी कि प्रदेश के ओबीसी छात्रावासों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त आदर्श छात्रावास के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस पर लगभग 16 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इन छात्रावासों में जिम, पुस्तकालय, अध्ययन कक्ष, कंप्यूटर लैब, वाई-फाई और खेल सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
पहली बार ओबीसी छात्रावासों में निशुल्क भोजन
उन्होंने बताया कि विभाग बनने के बाद पहली बार ओबीसी छात्रावासों में निशुल्क और गुणवत्तापूर्ण भोजन व्यवस्था शुरू की जा रही है। इसका शुभारंभ 26 जनवरी को मुख्यमंत्री द्वारा किए जाने की संभावना है। अब ओबीसी छात्रों को भोजन के लिए निजी व्यवस्था पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
छात्रवृत्ति, विदेश अध्ययन और रोजगार पर फोकस
राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने बताया कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 7.5 लाख से अधिक विद्यार्थियों को लाभ मिला है। विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना को अधिक पारदर्शी बनाते हुए हर साल 50 छात्रों को सहायता दी जा रही है। साथ ही जापान और जर्मनी में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए भी योजनाएं चलाई जा रही हैं।
विमुक्त और घुमंतू समुदायों के लिए विशेष कदम
उन्होंने कहा कि विमुक्त, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू समुदायों की तीन महीने में गणना पूरी की जाएगी, ताकि योजनाओं का लाभ सीधे लक्षित वर्ग तक पहुंच सके। इस दिशा में मध्यप्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।
सिम्युलेटरी स्पेस सेंटर का उद्देश्य
सिम्युलेटरी स्पेस सेंटर एक ऐसा अनुभवात्मक विज्ञान केंद्र होगा, जहां अंतरिक्ष जैसी परिस्थितियों को कृत्रिम रूप से तैयार किया जाएगा। यहां रॉकेट लॉन्च, सैटेलाइट तकनीक, स्पेस स्टेशन, कंट्रोल रूम, वर्चुअल रियलिटी आधारित अनुभव और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के योगदान से जुड़ी जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध होगी। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को सीखने के साथ-साथ अनुभव के माध्यम से प्रेरित करना है।





