भारत ने अपने करीबी समुद्री पड़ोसी मालदीव को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता देकर एक बार फिर मजबूत द्विपक्षीय संबंधों की मिसाल कायम की है। यह सहायता ट्रेजरी बिल के रोलओवर के जरिए दी गई है, जिससे मालदीव की आर्थिक स्थिरता और सुधारों को नया बल मिलेगा।
🔍 मुख्य बातें (Key Highlights)
- भारत ने मालदीव को 50 मिलियन डॉलर का ट्रेजरी बिल एक साल के लिए रोलओवर किया
- यह सहायता बिना ब्याज के दी गई है
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने इस बिल को सब्सक्राइब किया
- यह भारत की Neighbourhood First नीति और MAHASAGAR दृष्टिकोण का हिस्सा है
- मालदीव के विदेश मंत्री ने भारत का आभार जताया
भारत की मदद से मालदीव को राहत
भारत सरकार ने मालदीव की आर्थिक ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए यह सहायता प्रदान की है। मालदीव की वित्त मंत्रालय द्वारा जारी इस ट्रेजरी बिल को SBI ने एक साल के लिए सब्सक्राइब किया है, जिससे देश की फिस्कल रिफॉर्म योजनाओं को गति मिलेगी।
इस कदम की जानकारी देते हुए भारत के उच्चायोग ने कहा:
“यह एक विशिष्ट सरकार-से-सरकार व्यवस्था के तहत दी गई आपातकालीन वित्तीय सहायता है, जो मार्च 2019 से लगातार दी जा रही है।”
ट्रेजरी बिल रोलओवर क्या होता है?
ट्रेजरी बिल “रोलओवर” का अर्थ होता है कि जब एक ट्रेजरी बिल मैच्योर हो जाता है, तब उस राशि को नए ट्रेजरी बिल में फिर से निवेश कर दिया जाता है। इससे निवेश की अवधि बढ़ जाती है और सहायता का सिलसिला बना रहता है।
भारत और मालदीव: भरोसेमंद साझेदारी
मालदीव भारत की Neighbourhood First नीति के तहत एक महत्वपूर्ण समुद्री साझेदार है। हाल के वर्षों में भारत ने आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में भी मालदीव की मदद की है।
भारत का विज़न MAHASAGAR (Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions) इन संबंधों को और गहराई देता है।
मालदीव की प्रतिक्रिया: भारत को धन्यवाद
मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने भारत सरकार और विदेश मंत्री एस. जयशंकर का आभार जताया। उन्होंने कहा:
“यह समय पर मिली सहायता हमारे फिस्कल रिफॉर्म प्रयासों को मजबूती देगी और भारत-मालदीव के मजबूत दोस्ताना संबंधों का प्रमाण है।”
भारत ने और क्या किया है मालदीव के लिए?
भारत सरकार ने हाल ही में मालदीव के लिए आवश्यक वस्तुओं के निर्यात का विशेष कोटा भी बढ़ाया है, जिससे वहां की जनता को रोजमर्रा की चीजें आसानी से मिल सकें।
निष्कर्ष: भारत-मालदीव रिश्ते हो रहे हैं और प्रगाढ़
भारत की यह सहायता केवल आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि कूटनीतिक और रणनीतिक स्तर पर विश्वास की गहराई भी दर्शाती है। इस सहयोग से मालदीव की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, और साथ ही भारत का दक्षिण एशिया में नेतृत्व भी और पुख्ता होगा।