मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में मुलताई थाना क्षेत्र में पुलिस ने नकली लिक्विड यूरिया बनाने और बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने 700 लीटर नकली लिक्विड यूरिया जब्त किया और बायोडीजल पंप के प्रबंधक समेत अन्य आरोपितों पर कार्रवाई शुरू की है। पुलिस को यह सफलता गल्फ कंपनी की शिकायत के बाद मिली। कंपनी ने नकली लिक्विड यूरिया की बिक्री और उसके लोगो के दुरुपयोग की शिकायत की थी। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने रविवार रात मालेगांव के पास स्थित बायोडीजल पंप पर छापा मारा। मौके पर गल्फ कंपनी का लोगो लगा 130 लीटर नकली लिक्विड यूरिया जब्त किया गया।
एजाज उर्फ बाबू खान बिना वैध लाइसेंस के नकली डी.ई.एफ. युरिया लिक्विड बनाकर उसे विभिन्न कंपनियों के नाम से बेच रहा था। आरोपी पर धारा 318(4) बी.एन.एस., 3/7 ई.सी. एक्ट व 63 कॉपीराइट एक्ट 1957 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।
प्रबंधक से पूछताछ में खुलासा हुआ कि नकली लिक्विड यूरिया की सप्लाई परमंडल गांव के खेत में स्थित एक मकान से की जा रही थी। सोमवार को पुलिस ने किसान देवजी इंगले के खेत में बने मकान पर छापा मारा। वहां से नकली यूरिया बनाने की मशीनें, प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना लिखी यूरिया खाद की बोरियां, और 700 लीटर नकली लिक्विड यूरिया बरामद किया। किसान ने बताया कि उसने यह मकान सुभाष वार्ड निवासी बाबू उर्फ एजाज पिता सरदार खान को किराए पर दिया था।
जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि परमंडल के पास नागपुर मार्ग पर भी नकली लिक्विड यूरिया बेचा जा रहा है। पुलिस ने वहां छापा मारकर 700 लीटर नकली लिक्विड यूरिया जब्त किया। पुलिस अब बाबू उर्फ एजाज की तलाश में जुटी है, जो नकली यूरिया बनाने और बेचने का मुख्य आरोपी बताया जा रहा है।
पुलिस जांच में तीन कंपनियों – गल्फ, आइशर 100 और टाटा मोटर्स के लोगो के उपयोग का खुलासा हुआ। साथ ही प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना की बोरियां भी मौके पर पाई गईं। थाना प्रभारी राजेश सातनकर ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच जारी है। मुख्य आरोपी बाबू उर्फ एजाज को गिरफ्तार करने के बाद उसके खिलाफ भी मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया। पुलिस नकली यूरिया के उत्पादन और वितरण में शामिल अन्य लोगों का पता लगाने में जुटी गई है।