बोकारो से संजीव कुमार की रिपोर्ट
बोकारो, झारखंड – हरला थाना क्षेत्र में स्थित बरवाघाट इन दिनों स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच एक पसंदीदा पिकनिक स्पॉट के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। लेकिन मानसून की शुरुआत के साथ यह रमणीय स्थल अब खतरे की सीमा को छूने लगा है।
जहां गर्मी के मौसम में लोग यहां राहत की तलाश में नहाने और मौज-मस्ती के लिए आते हैं, वहीं बारिश के बाद जलस्तर में आई अचानक वृद्धि ने इस स्थल को जोखिम भरा बना दिया है। इसके बावजूद, लोग मछली पकड़ने, सेल्फी खींचने और पानी में उतरने से बाज नहीं आ रहे – जो किसी भी समय दुर्घटना का कारण बन सकता है।
सुरक्षा चेतावनी की अनदेखी
स्थानीय नागरिकों के अनुसार, पिछले साल यहां एक दुखद हादसा हुआ था, लेकिन कोई ठोस सावधानी नहीं बरती गई। इस वर्ष भी कुछ घटनाएं सामने आ चुकी हैं। बावजूद इसके, न ही प्रशासन की ओर से कोई सुरक्षा उपाय किए गए हैं, और न ही पर्यटकों में सतर्कता देखने को मिल रही है।
एक स्थानीय निवासी ने चिंता जताते हुए कहा:
“लोग लगातार बारिश के बाद भी नहाने आ जाते हैं। चेतावनी बोर्ड या कोई निगरानी नहीं है। पिछली बार भी इसी लापरवाही से जान चली गई थी। प्रशासन को तत्काल ध्यान देना चाहिए।”
प्रशासनिक जिम्मेदारी और नागरिक सजगता
बरवाघाट की सुंदरता और शांत वातावरण इसे आकर्षक बनाते हैं, लेकिन जलस्तर में वृद्धि के साथ यह जगह खतरनाक भी बन चुकी है। ज़रूरत इस बात की है कि जिला प्रशासन तुरंत चेतावनी संकेतक, बैरिकेडिंग और निगरानी व्यवस्था लागू करे, ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके।
साथ ही, लोगों को भी यह समझना होगा कि प्राकृतिक सुंदरता का आनंद जिम्मेदारी से लेना चाहिए। थोड़ी सी लापरवाही न केवल खुद की, बल्कि दूसरों की जिंदगी को भी खतरे में डाल सकती है।
बरवाघाट की लोकप्रियता के साथ-साथ वहां की सुरक्षा को भी प्राथमिकता मिलनी चाहिए। प्रशासन और नागरिकों दोनों को मिलकर इस स्थल को सुरक्षित और आनंददायक बनाना होगा।