BY: Vijay Nandan
बलूचिस्तान, पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, जिसे पाकिस्तान की सेना ने 1947 में भारत से स्वतंत्रता मिलने के बाद कब्जा कर लिया था। वर्तमान में, बलूचिस्तान में स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी है, और कई प्रमुख शहरों पर बलूच विद्रोहियों का नियंत्रण हो चुका है। पाकिस्तान की सेना का प्रभाव केवल राजधानी क्वेटा तक सीमित है। बलूच विद्रोही पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लोगों की हत्या कर रहे हैं। कई इलाकों में इंटरनेशनल रेड क्रॉस को पहुंचने के लिए बलूच लड़ाकों से अनुमति लेनी पड़ रही है।
- बलूचिस्तान के तुर्बत शहर पर बलूच विद्रोहियों का कब्जा
- क्वेटा-कराची हाईवे पर भी बलूच विद्रोहियों ने नियंत्रण स्थापित किया
- महरंग बलूच की गिरफ्तारी के विरोध में हजारों महिलाएं सड़कों पर उतरीं
बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सेना की स्थिति कमजोर हो रही है
पाकिस्तान का नियंत्रण बलूचिस्तान पर अब कमजोर पड़ चुका है। वहां के लोग अब पाकिस्तान से स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान की सेना विद्रोह को कुचलने के लिए क्रूर तरीकों का सहारा ले रही है। बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना निर्दयता से बच्चों तक को गोली मारकर मार रही है। बलूचिस्तान की प्रमुख नेता महरंग बलूच को पाकिस्तानी सेना ने अपहरण कर लिया है। उनके साथ कई महिला नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया है। उनकी रिहाई की मांग को लेकर बलूचिस्तान के कई शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच, बलूचिस्तान के तुर्बत शहर पर बलूच विद्रोहियों का कब्जा हो गया है और कुछ अन्य शहरों पर भी उनका कब्जा होने की खबरें हैं।
विद्रोहियों के हमले और पाकिस्तानी सेना की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान में बलूच विद्रोहियों द्वारा कई हमलों में अब तक आठ लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 17 लोग घायल हुए हैं। ज्यादातर मृतक पाकिस्तानी सेना के जवान और पंजाब प्रांत के निवासी हैं। विद्रोही पंजाबी लोगों को चुन-चुनकर निशाना बना रहे हैं। इसके कारण पंजाब के लोग बलूचिस्तान से भागने को मजबूर हो रहे हैं। इसके साथ ही, बलूचिस्तान में गुरुवार को हुए एक धमाके में दो लोगों की मौत हो गई है।ॉ
Major coordinated attacks are underway as the main highways of Balochistan, including the Quetta-Karachi Highway, the Sibbi-Quetta Highway, and the Makran Coastal Highway, remain under the control of armed men. Armed groups are patrolling Turbat city, and multiple attacks on… pic.twitter.com/FicwD3TF7h
— The Bolan News (@TheBolanN) March 26, 2025
बलूचिस्तान के लोग भारत से मदद की मांग कर रहे हैं
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, बुधवार रात को बलूच विद्रोहियों ने ग्वादर जिले में एक यात्री बस से छह पंजाबी लोगों को उतारकर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी और तीन लोगों का अपहरण भी किया था। इस बीच, बलूचिस्तान के लोग भारत से मदद की गुहार लगा रहे हैं। कई बलूच नेता लगातार भारत से सहायता की अपील कर रहे हैं। बलूचिस्तान की गतिविधियों पर नजर रखने वाले पाकिस्तानी मूल के कनाडाई पत्रकार ताहिर असलम गोरा ने बताया कि तुर्बत शहर पर विद्रोहियों का कब्जा हो चुका है। उन्होंने कहा कि अब ‘सरबचारी’ बलूच विद्रोहियों का तुर्बत में नियंत्रण है।

पाकिस्तान से आतंक का सामना कर रहे बलूच
ताहिर असलम गोरा ने कहा कि पाकिस्तान भारत पर बलूचिस्तान में अशांति फैलाने का आरोप लगा रहा है, जबकि बलूच लोगों का कहना है कि भारत से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है। उन्होंने भारत से बलूचों की मदद की अपील की और कहा कि बलूच बांगलादेशियों की तरह विश्वासघाती नहीं होंगे।
बलूचिस्तान में कई जगहों पर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ जन आंदोलन बढ़ते जा रहे हैं। साथ ही, बलूचिस्तान में पाकिस्तान का झंडा हटाए जाने की खबरें भी सामने आई हैं, और स्कूलों को धमकी दी गई है कि यदि पाकिस्तानी झंडे को नहीं लगाया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, अधिकांश स्कूलों ने इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया है।
बलूचिस्तान में बढ़ते संघर्ष के बीच पाकिस्तान की सेना की क्रूरता
बलूचिस्तान में संघर्ष का स्तर अब और भी बढ़ चुका है। बलूच विद्रोही अपनी आजादी की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे हैं, और पाकिस्तानी सेना उन्हें शांत करने के लिए हिंसा का सहारा ले रही है। पाकिस्तान को अब यह समझने की जरूरत है कि अगर बलूचिस्तान में स्थिति और अधिक गंभीर होती है, तो भारत को मजबूरन हस्तक्षेप करना पड़ सकता है, ताकि वहां की जनता को पाकिस्तान के अत्याचारों से बचाया जा सके।
बांग्लादेश की तरह नमकहराम नहीं बलूचिस्तान
ताहिर असलम गोरा ने अपने वीडियो में कहा है कि पाकिस्तान भारत पर बलूचिस्तान में अशांति फैलाने का आरोप लगा रहा है, जबकि बलूच लोगों का कहना है कि उन्हें भारत से कोई मदद नहीं मिल रही है। ताहिर असलम गोरा ने भारत से अपील की है कि वह बलूचों की मदद करें। उन्होंने यह भी कहा कि बलूचिस्तान के लोग बांग्लादेशियों की तरह अहसानफरामोश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हजारों लोग अपनी आज़ादी के लिए अब अपनी गलियों, मोहल्लों और जिलों में सड़कों पर उतरे हैं।
ताहिर असलम गोरा ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के कई लोग अब बलूचों के पक्ष में खड़े हो रहे हैं, जो पाकिस्तानी सेना के जुल्म के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इमरान खान की पार्टी के खिलाफ भी पाकिस्तानी सेना ने ऐसा ही अत्याचार किया था। इसके साथ ही, उन्होंने यह अपील की कि जिन इलाकों में बलूच विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया है, वहां पाकिस्तानी सेना को हमला नहीं करना चाहिए।
वहीं, पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बलूचिस्तान के स्कूलों से पाकिस्तान का झंडा हटा लिया गया है। इसके बाद, बलूचिस्तान की प्रांतीय सरकार ने स्कूलों को पाकिस्तान का झंडा फिर से लगाने का आदेश जारी किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, स्कूलों को धमकी दी गई है कि अगर उन्होंने पाकिस्तान का झंडा नहीं लगाया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, ज्यादातर स्कूलों ने इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया है।





