BY: Yoganand Shrivastva
भोपाल — बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जिन्हें बाबा बागेश्वर के नाम से जाना जाता है, ने मथुरा के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज के पक्ष में खुलकर आवाज़ उठाई है। उन्होंने कहा कि भारत में सच बोलना बेहद चुनौतीपूर्ण है और प्रेमानंद जी का विरोध करना इस बात का संकेत है कि कुछ लोगों को अंदरूनी “बीमारी” है।
विरोधियों पर तंज
बाबा बागेश्वर ने कटाक्ष करते हुए कहा कि “कुछ लोग तो बस खुजली के मरीज होते हैं।” उनका कहना था कि उनका विरोध करना अलग बात है, लेकिन एक संत, जो प्रवचन और भजन के माध्यम से समाज में सकारात्मकता फैलाते हैं, उनका विरोध करना दर्शाता है कि समस्या विरोधियों के भीतर है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को मानने वालों के लिए उनका दृष्टिकोण सकारात्मक होता है, लेकिन जो सनातन को नहीं मानते, उन्हें वह “दुश्मन” जैसे लगते हैं।
“हम बिना लाग-लपेट सच बोलते हैं”
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि कुछ लोगों को उनसे सिर्फ इसलिए दिक्कत है क्योंकि वह मंच से साफ-साफ सच बोलते हैं, चाहे वह कितना भी विवादित क्यों न लगे। उन्होंने कहा, “लोग पहले डरते-डरते हिंदू शब्द कहते थे, लेकिन हम मंच से गर्व से कहते हैं कि हम हिंदुत्ववादी हैं और नफरत नहीं बल्कि प्रेम के मार्ग पर चलते हैं।”
राजनीति और समाज पर टिप्पणी
बाबा बागेश्वर ने जातिवाद की राजनीति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कुछ नेता जाति के नाम पर राजनीतिक लाभ लेते हैं, जबकि वह राष्ट्रवाद के समर्थक और जातिवाद के विरोधी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई “हवस का पुजारी” हो सकता है तो “हवस का मौलवी” या “हवस का पादरी” भी हो सकता है, और यह कहने से भी कई लोगों को आपत्ति होती है।
प्रेमानंद महाराज का पलटवार
दूसरी ओर, प्रेमानंद जी महाराज ने अपने प्रवचन के दौरान आलोचकों को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “जिसका आचरण बुरा है, उसे सत्संग अच्छा नहीं लगेगा। जैसे नाली का कीड़ा नाली में ही सहज महसूस करता है, वैसे ही बुरे कर्म करने वालों को अमृत भी कड़वा लगता है।”