भारतीय संसद अब तकनीकी बदलाव की ओर तेजी से कदम बढ़ा रही है। लोकसभा में इस मॉनसून सत्र से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग शुरू किया जा रहा है, जिससे सांसदों के भाषण रियल टाइम में टेक्स्ट में बदले जाएंगे और उन्हें अन्य भाषाओं में भी अनुवादित किया जा सकेगा। साथ ही, सांसद अब अपनी हाजिरी डिजिटल रूप से अपनी सीट से ही दर्ज कर पाएंगे।
मुख्य बदलाव: संसद में क्या-क्या बदलेगा?
AI ट्रांसक्रिप्शन और मल्टी-लैंग्वेज ट्रांसलेशन
- संसद में भाषण अब रियल टाइम में टेक्स्ट में बदलेंगे।
- इन भाषणों को AI की मदद से विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया जा सकेगा।
- वर्तमान में 17 भाषाओं में ट्रांसलेशन होता है, लेकिन अब इसमें और भाषाएं जोड़ी जाएंगी।
डिजिटल हाजिरी सिस्टम
- पहले सांसदों को लॉबी में जाकर रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने होते थे।
- अब सीट पर बैठे-बैठे ही हाजिरी दर्ज की जा सकेगी।
- सांसद MMD सिस्टम (Multimedia Display System) से हाजिरी लगाएंगे जिसमें:
- आईडी कार्ड
- फिंगरप्रिंट या
- पिन का उपयोग किया जाएगा।
राज्यसभा में कब लागू होगा नया सिस्टम?
राज्यसभा में भी यह तकनीक जल्द लागू की जाएगी। शुरुआती 10 दिनों तक पुराना और नया सिस्टम साथ में चलेंगे, ताकि सांसदों को नए बदलाव में समय मिले। इसके बाद पुराने सिस्टम को पूरी तरह हटा दिया जाएगा।
इस सिस्टम से:
- लॉबी की भीड़ में कमी आएगी।
- केवल हाजिरी लगाकर चले जाने वाले सांसदों पर भी नियंत्रण होगा।
डिजिटल संसद की ओर एक मजबूत कदम
डिजिटल इंडिया और तकनीक आधारित शासन की दिशा में यह पहल संसद को और अधिक पारदर्शी और दक्ष बनाएगी। यह न केवल भाषाई बाधाओं को खत्म करेगा, बल्कि कार्यवाही की गति भी बढ़ाएगा।
लोकसभा में AI ट्रांसक्रिप्शन और डिजिटल हाजिरी सिस्टम जैसे बदलाव देश की संसदीय कार्यवाही में एक नई क्रांति लाएंगे। यह न केवल सांसदों की कार्यक्षमता बढ़ाएंगे बल्कि नागरिकों को भी सटीक और बहुभाषी सूचना प्राप्त करने में मदद करेंगे।





