BY: MOHIT JAIN
आगरा के बिजली घर मैदान में रामलीला का मंचन जोरों पर है। 2 अक्टूबर को आने वाली विजयादशमी के लिए तैयारियां चरम पर हैं। इस बार रामलीला में सबसे बड़ा आकर्षण होगा 110 फुट ऊंचा रावण पुतला।
मथुरा का एक मुस्लिम परिवार पिछले 50 दिनों से कुंभकर्ण, मेघनाथ और रावण के पुतले बनाने में जुटा हुआ है। मंगलवार को मंच पर भगवान राम कुंभकर्ण का वध करेंगे, और विजयादशमी पर रावण का दहन कर लंका पर विजय का प्रतीक प्रस्तुत करेंगे।
140 साल पुरानी परंपरा और मुस्लिम कारीगरों का योगदान

आगरा की रामलीला करीब 140 साल पुरानी है। मथुरा के मुस्लिम परिवार की पांच पीढ़ियों से यह परंपरा चली आ रही है कि वे रामलीला में जलाने के लिए पुतले तैयार करते हैं।
कारीगर जाफर अली पिछले 46 सालों से रावण का पुतला बनाने में लगे हैं। उन्होंने बताया कि उनके पिता मोहम्मद वहीर और दादा मुग़ल पहलवान पहले पुतले तैयार करते थे। इस बार कुंभकर्ण का पुतला 45 फुट, मेघनाथ का 70 फुट और रावण का 110 फुट ऊंचा बनाया गया है।
तकनीकी और कलात्मक विशेषताएं
इस बार रावण का पुतला और भी आकर्षक बनाया गया है। जाफर अली ने बताया कि रावण की आंखें मूवमेंट करेंगी, जिससे मंचन और जीवंत लगेगा। पुतलों को बनाने का काम 20 अगस्त से शुरू हुआ था।
जाफर अली कहते हैं, “हम सभी मुस्लिम हैं और इस काम में दिल से लगे हुए हैं। यह हमारी पारंपरिक कला है, जिसे हम आगे भी अपने बच्चों तक पहुंचाएंगे। हमारा यह काम कभी बंद नहीं होगा।”
विजयादशमी पर दर्शकों के लिए खास अनुभव
आगरा की रामलीला में रावण के 110 फुट पुतले के दहन का दृश्य हजारों दर्शकों को आकर्षित करेगा। यह न केवल धार्मिक उत्सव है बल्कि कला और परंपरा का भी अद्भुत संगम है।