बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन की हार के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर असंतोष साफ दिखाई देने लगा है। महज 6 सीटों पर सिमटने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने खुलकर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। कई वरिष्ठ नेताओं ने आत्ममंथन की जरूरत पर जोर दिया है।
शशि थरूर ने जताई निराशा
तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने कहा कि उन्हें बिहार चुनाव में प्रचार के लिए बुलाया ही नहीं गया।
उन्होंने कहा—
• कांग्रेस को अपनी हार के कारणों की गहराई से समीक्षा करनी चाहिए।
• गठबंधन में कांग्रेस बड़ी सहयोगी नहीं थी, इसलिए राजद को भी अपने प्रदर्शन पर विचार करना होगा।
• चुनाव अभियान में शामिल नहीं होने के कारण वे केवल समग्र प्रदर्शन पर ही टिप्पणी कर सकते हैं। थरूर का कहना है कि इतने बड़े जनादेश में पार्टी को गंभीरता से अपनी कमजोरियों को समझने की जरूरत है।
मुमताज पटेल ने संगठनात्मक कमजोरी पर उठाए सवाल
कांग्रेस नेता मुमताज पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पार्टी नेतृत्व की कार्यशैली पर आलोचना करते हुए लिखा—
• अब बहाने, आरोप-प्रत्यारोप और दिखावटी आत्मनिरीक्षण का समय नहीं है।
• पार्टी के समर्पित जमीनी कार्यकर्ता कब तक सफलता का इंतजार करते रहेंगे?
• सत्ता कुछ चुनिंदा लोगों तक सीमित रहने के कारण पार्टी को लगातार हार मिल रही है।
शकील अहमद की सलाह—टिकट वितरण की जांच हो
बिहार के पूर्व मंत्री शकील अहमद ने भी टिकट बंटवारे पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा—
• टिकट घोषित होते ही कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया कि टिकट गलत कारणों से दिए गए।
• वित्तीय अनियमितता और अन्य कमजोरियों की भी चर्चा हुई।
• यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई जरूरी है।
कांग्रेस का चुनावी प्रदर्शन बेहद कमजोर
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 61 सीटों पर मुकाबला किया, लेकिन केवल 6 सीटें जीत सकी।
हार की प्रमुख स्थितियाँ—
• प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार कुटुम्बा सीट से हार गए।
• विधायक दल के नेता शकील अहमद खान कदवा सीट से 18,000 से अधिक मतों से हार गए।
जो छह विधायक जीते हैं, वे हैं—
• सुरेंद्र प्रसाद (वाल्मीकि नगर)
• अभिषेक रंजन (चनपटिया)
• मनोज विश्वास (फॉर्ब्सगंज)
• अबिदुर रहमान (अररिया)
• मोहम्मद कमरूल होदा (किशनगंज)
• मनोहर प्रसाद सिंह (मनिहारी)





