BY: Yoganand Shrivastva
राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य में आवारा कुत्तों के बढ़ते हमलों और पशुओं से जुड़ी घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए सड़कों से ऐसे सभी जानवरों को हटाने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने यह आदेश एक स्वतः संज्ञान मामले की सुनवाई के दौरान दिया, जिसमें कुत्तों के काटने और आवारा पशुओं के कारण हुई मौतों पर चिंता जताई गई थी।
दिल्ली-NCR के आदेश के बाद कार्रवाई
यह फैसला ठीक उसी के बाद आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में सभी आवारा कुत्तों को आठ हफ्तों के भीतर शेल्टर होम में भेजने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत का आदेश नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम जैसे क्षेत्रों में भी लागू है, जहां हाल के महीनों में कुत्तों के हमलों और रेबीज से मौत के कई मामले सामने आए हैं।
राजस्थान में नगर निकायों को सख्त निर्देश
11 अगस्त को राजस्थान हाई कोर्ट ने जयपुर, जोधपुर और उदयपुर के नगर निकायों को आदेश दिया कि शहर की सड़कों और सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों और अन्य पशुओं को हटाया जाए। अदालत ने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में जानवरों को न्यूनतम शारीरिक क्षति पहुंचे, इसका ध्यान रखा जाए। मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी।
बाधा डालने वालों पर होगी कार्रवाई
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन इस अभियान में बाधा डालता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नगर निकाय कर्मियों को आवश्यक होने पर FIR दर्ज करने और सरकारी काम में बाधा डालने वालों पर कानूनी कार्रवाई करने की पूरी छूट दी गई है।
दिल्ली-NCR में सुप्रीम कोर्ट का आदेश
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR के सभी आवारा कुत्तों को आठ हफ्तों में रिहायशी इलाकों से हटाकर शेल्टर में रखने का आदेश दिया था। अदालत ने यह भी चेताया कि इस प्रक्रिया में रुकावट डालने वाले किसी भी व्यक्ति या समूह को बख्शा नहीं जाएगा।