रिपोर्ट- दिनेश गुप्ता
अंबिकापुर : ग्राम भलोईझोर, बसंतपुर थाना क्षेत्र की एक महिला को शरीर में दर्द की शिकायत थी, जिसके चलते झोलाछाप डॉक्टर विनोद वर्मा (गोवर्धनपुर) ने उसे इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगते ही महिला की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया। इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। इस घटना से इलाके में आक्रोश है और झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या सटीक रूप से बताना मुश्किल है, लेकिन यह संख्या सैकड़ों में हो सकती है, क्योंकि राज्य के विभिन्न जिलों में इनकी सक्रियता देखी गई है। प्रशासन समय-समय पर इन पर कार्रवाई करता है, लेकिन फिर भी ये लगातार फल-फूल रहे हैं।
राज्य सरकार की नाकामी के कारण:
- स्वास्थ्य सेवाओं की कमी: ग्रामीण और दूरदराज़ के क्षेत्रों में प्रशिक्षित डॉक्टरों और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता बेहद सीमित है, जिससे लोग मजबूरी में झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाते हैं।
- कानूनी कार्रवाई का अभाव: प्रशासन द्वारा कई बार झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ छापेमारी कर क्लीनिक सील किए जाते हैं, लेकिन इनके खिलाफ ठोस कानूनी कार्रवाई नहीं होती, जिससे वे दोबारा अपना काम शुरू कर देते हैं।
- प्रशासनिक उदासीनता: कुछ जगहों पर स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार के कारण ये अवैध प्रैक्टिस बेरोकटोक चल रही है।
- जनजागरूकता की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में लोग यह समझ नहीं पाते कि झोलाछाप डॉक्टरों का इलाज खतरनाक हो सकता है। अशिक्षा और जागरूकता की कमी के चलते लोग इनके झांसे में आ जाते हैं।
- राजनीतिक संरक्षण: कई झोलाछाप डॉक्टरों को स्थानीय प्रभावशाली लोगों का समर्थन प्राप्त होता है, जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता है।
- स्वास्थय विभाग की जिला ईकाई ऐसे झोलाछाप डॉक्टर्स को संरक्षण देती है, इसमें घूस खाने की खबरें भी आती हैं।
समाधान के प्रयास:
- स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करना ताकि लोगों को प्रशिक्षित डॉक्टरों तक आसानी से पहुंच मिले।
- कानूनी प्रवर्तन को सख्त करना ताकि झोलाछाप डॉक्टरों पर ठोस और स्थायी कार्रवाई हो।
- जनजागरूकता अभियान चलाना ताकि लोग केवल योग्य चिकित्सकों से ही इलाज कराएं।
- सरकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन जिससे हर व्यक्ति को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मिले।
जब तक सरकार इन चुनौतियों का समाधान नहीं करती, तब तक झोलाछाप डॉक्टरों की समस्या बनी रहेगी।
बढ़ेगी, तब तक झोलाछाप डॉक्टरों का जाल फैलता रहेगा।
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