BY: MOHIT JAIN
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित गाजा शांति शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन की संयुक्त मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने की। इसमें कई विश्व नेता शामिल हुए।
भारत का स्पष्ट समर्थन

कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि भारत मिडिल ईस्ट में शांति, बातचीत और कूटनीति के माध्यम से मुद्दों के समाधान का पक्षधर है। उन्होंने पुष्टि की कि भारत राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा शांति योजना का समर्थन करता है।
उद्देश्य: क्षेत्रीय शांति और स्थिरता
शिखर सम्मेलन का उद्देश्य गाजा पट्टी में शेष बंधकों की रिहाई और युद्धविराम के बाद क्षेत्रीय शांति व स्थिरता के प्रयासों को मजबूत करना था। यह भारत के लंबे समय से दो-राज्य समाधान के समर्थन के अनुरूप भी है।
मिस्र और भारत की रणनीतिक साझेदारी
/newsnation/media/media_files/thumbnails/202510133540488-643593.jpeg)
कीर्ति वर्धन सिंह ने मिस्र के राष्ट्रपति से मुलाकात को सौभाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि मिस्र और भारत एक महत्वपूर्ण और जीवंत रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं। अल-सीसी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ कतर और तुर्की के नेताओं को भी धन्यवाद दिया।
गाजा में नागरिक और मानवीय सहायता
ट्रंप ने बताया कि वर्षों के संघर्ष के बाद गाजा में युद्ध समाप्त हो गया है। सैकड़ों ट्रक भोजन, चिकित्सा उपकरण और अन्य आपूर्ति भेजी जा रही हैं। नागरिक अपने घर लौट रहे हैं और बंधक अपने परिवारों से मिल रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता और क्षेत्रीय कूटनीति
लेबनान और अमेरिका की संयुक्त राष्ट्र मध्यस्थता के माध्यम से इजराइल और हमास के बीच युद्ध विराम हुआ। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सम्मेलन में शामिल नहीं हुए, क्योंकि वे शेमिनी अत्ज़ेरेट-सिमचैट तोराह अवकाश के कारण समय नहीं निकाल पाए।