BY: MOHIT JAIN
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 13 अक्टूबर को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत में ₹2,244 की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई, जिससे यह ₹1,23,769 के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुँच गया। शुक्रवार को यह ₹1,21,525 पर बंद हुआ था। चांदी भी पीछे नहीं रही; इसकी कीमत एक ही दिन में ₹8,625 बढ़कर ₹1,73,125 प्रति किलो हो गई। यह बढ़ोतरी फेस्टिव सीजन की मजबूत मांग, औद्योगिक उपयोग में वृद्धि और वैश्विक अनिश्चितताओं का परिणाम है।
साल 2024 से अभूतपूर्व उछाल

इस साल सोने और चांदी दोनों ने निवेशकों को चौंकाया है। 31 दिसंबर 2024 के बाद से अब तक सोना ₹47,607 महंगा हो चुका है, जबकि चांदी की कीमत में ₹87,108 की भारी वृद्धि हुई है।
कीमतों में तेजी के तीन प्रमुख कारण
सोने में आई इस उछाल के पीछे तीन बड़े कारण हैं। पहला, फेस्टिव सीजन डिमांड है। दिवाली और धनतेरस जैसे त्योहारों के कारण खरीदारी का रुझान मजबूत हुआ है। दूसरा, जियोपॉलिटिकल टेंशन है। मिडिल ईस्ट में बढ़ती अशांति और अमेरिका की नीतियों को लेकर अनिश्चितता ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश, यानी सोने की ओर धकेला है। तीसरा, दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की खरीदारी है, जो डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए लगातार अपने भंडार में सोने का हिस्सा बढ़ा रहे हैं।
चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी के भी तीन मुख्य कारण हैं। सोने की तरह ही त्योहारों के चलते मांग बढ़ी है, वहीं रुपये की कमजोरी ने भी इसे बढ़ाया है। सबसे महत्वपूर्ण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर पैनल जैसे उद्योगों में चांदी की मांग में भारी इजाफा हुआ है।
निवेश पर एक्सपर्ट की राय और भविष्य
गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, बैंक ने अगले साल तक सोने के लिए 5000 डॉलर प्रति औंस का लक्ष्य रखा है, जो भारतीय रुपये में लगभग ₹1,55,000 प्रति 10 ग्राम हो सकता है।
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का मानना है कि चूंकि सोना इस साल करीब 60% बढ़ चुका है, इसलिए शॉर्ट टर्म में मुनाफा वसूली की संभावना हो सकती है। हालांकि, उनका सुझाव है कि दीर्घकालिक (लॉन्ग टर्म) निवेश अभी भी लाभ दे सकता है।
सोना खरीदते समय हमेशा BIS हॉलमार्क देखकर सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदना चाहिए और खरीदने के दिन उसकी कीमत कई स्रोतों से क्रॉस चेक करनी चाहिए।