BY: MOHIT JAIN
मिस्र के शर्म अल-शेख में सोमवार को गाजा शांति शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस बैठक का उद्देश्य लंबे समय से चल रहे हमास और इजराइल युद्ध को समाप्त करना है। सम्मेलन में 20 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी संयुक्त रूप से इसकी अध्यक्षता करेंगे।
कौन-कौन होंगे शामिल
सम्मेलन में अमेरिका, मिस्र, कतर, फ्रांस, तुर्की, यूके, स्पेन, इटली, यूरोपीय संघ, अरब लीग, संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन, कुवैत, बहरीन, इंडोनेशिया, अज़रबैजान, जर्मनी, ग्रीस, आर्मीनिया, हंगरी, भारत और पाकिस्तान समेत कई देश शामिल होंगे। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिनिधि के तौर पर विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस, जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन भी इस शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। ईरान ने अपना प्रतिनिधि नहीं भेजने की घोषणा की है।
कैदी अदला-बदली आज

सम्मेलन के दौरान हमास और इजराइल के बीच कैदियों की रिहाई शुरू होगी। हमास को 48 इजराइली बंधकों को रिहा करना होगा, जिनमें 20 जीवित और 28 मृत बंधक शामिल हैं। इसके बदले में इजराइल को करीब 250 फिलिस्तीनी कैदी और गाजा से 1,700 हिरासत में लिए गए लोग रिहा किए जाएंगे। इसके साथ ही गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी।
समिट की चुनौतियां
हालांकि शांति सम्मेलन का पहला चरण शुरू हो रहा है, लेकिन कई अहम मुद्दों पर सहमति बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इनमें शामिल हैं:
- गाजा पर युद्ध के बाद शासन का नियंत्रण कौन करेगा
- इजराइली सेना की वापसी की सीमा
- हमास का निरस्त्रीकरण

युद्ध की पृष्ठभूमि
7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजराइल पर हमला किया था। इसके बाद युद्ध शुरू हुआ जिसमें करीब 1,200 लोग मारे गए और 251 लोगों को बंधक बनाया गया। हमास-नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक 67,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें 18,000 से ज्यादा बच्चे शामिल हैं।