BY: MOHIT JAIN
अमेरिका में एक बार फिर सरकारी शटडाउन लागू हो गया है। सीनेट में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के बीच फंडिंग बिल को लेकर सहमति नहीं बन सकी, जिसके बाद आधी रात से सरकारी कामकाज आधिकारिक रूप से ठप हो गया। इस फैसले से हजारों फेडरल कर्मचारी बिना वेतन छुट्टी पर भेजे जाएंगे और कई जरूरी सेवाएं प्रभावित होंगी।
यह ट्रंप के राष्ट्रपति रहते तीसरी बार है जब अमेरिका शटडाउन की स्थिति में पहुंचा है। इससे पहले भी उनके कार्यकाल में दो बार ऐसा हो चुका है।
क्यों हुआ शटडाउन?
दरअसल, सरकारी खर्च के लिए कांग्रेस को बजट या फंडिंग बिल पास करना जरूरी होता है। इस बार सीनेट में न तो रिपब्लिकन और न ही डेमोक्रेट्स का बिल पास हो सका।
- रिपब्लिकन बहुमत वाले सीनेट ने डेमोक्रेट्स का हेल्थकेयर और घरेलू योजनाओं वाला प्रस्ताव खारिज कर दिया।
- वहीं डेमोक्रेट्स ने रिपब्लिकन का शॉर्ट-टर्म फंडिंग प्लान रोक दिया।
इस टकराव का नतीजा यह हुआ कि सरकार को मजबूरन शटडाउन का ऐलान करना पड़ा।
ट्रंप कार्यकाल में पहले हुए शटडाउन

ट्रंप के पहले कार्यकाल में अमेरिका अब तक के सबसे लंबे शटडाउन से भी गुजरा है।
- दिसंबर 2018 – जनवरी 2019: 35 दिन तक शटडाउन चला। यह रिकॉर्ड समय था और इसकी वजह मैक्सिको बॉर्डर दीवार के लिए फंडिंग विवाद था।
- फरवरी 2019: करीब 3 दिन का शटडाउन हुआ, जिसे आपातकालीन स्थिति घोषित करके टाला गया।
अब मौजूदा कार्यकाल में यह तीसरा शटडाउन अमेरिका की अर्थव्यवस्था और कर्मचारियों के लिए संकट बनकर सामने आया है।
दोनों पार्टियों में आरोप-प्रत्यारोप
शटडाउन के बाद अमेरिकी राजनीति गरमा गई है।
- रिपब्लिकन लीडर जॉन थ्यून ने कहा कि “डेमोक्रेट्स ने अपनी राजनीतिक जिद के लिए अमेरिकी जनता की कुर्बानी दी है।”
- डेमोक्रेटिक लीडर चक शूमर ने पलटवार करते हुए कहा कि “रिपब्लिकन बातचीत से इनकार कर देश को शटडाउन की ओर धकेल रहे हैं और हेल्थकेयर को खतरे में डाल रहे हैं।”
वहीं, व्हाइट हाउस ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि डेमोक्रेट्स की “पागल नीतियों” ने इस संकट को जन्म दिया है।
शटडाउन का असर किन पर पड़ेगा?
शटडाउन का सबसे बड़ा असर अमेरिकी जनता और सरकारी कर्मचारियों पर पड़ता है।
- लाखों फेडरल कर्मचारी बिना वेतन छुट्टी पर जाएंगे।
- सेना, सीमा सुरक्षा, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और पेंशन पेमेंट जैसे अहम कामकाज चलते रहेंगे, लेकिन इनमें भी कई कर्मचारियों को बिना सैलरी काम करना होगा।
- नेशनल पार्क, म्यूजियम, पासपोर्ट और वीजा सेवाएं ठप या धीमी हो जाएंगी।
- अदालतों और हवाई सेवाओं पर भी असर पड़ सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार के शटडाउन से लाखों लोगों की रोज़मर्रा की जिंदगी सीधे तौर पर प्रभावित होगी।
जनता किसे मान रही जिम्मेदार?
एक सर्वे के अनुसार:
- 38% लोगों ने शटडाउन के लिए रिपब्लिकन को जिम्मेदार ठहराया।
- 27% ने डेमोक्रेट्स को दोषी माना।
- जबकि 31% अमेरिकियों ने दोनों पार्टियों को बराबर जिम्मेदार ठहराया।
संकट में अमेरिकी जनता
अमेरिका में शटडाउन सिर्फ राजनीति की लड़ाई नहीं बल्कि जनता के लिए एक बड़ा संकट है। जहां नेताओं की जिद टकराव में बदल गई है, वहीं लाखों कर्मचारियों और नागरिकों की रोजमर्रा की जिंदगी पर इसका असर पड़ रहा है। अब सवाल यह है कि क्या दोनों दल बातचीत से इस गतिरोध को तोड़ पाएंगे या अमेरिकी जनता को लंबे समय तक इस ठप सरकार का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।