by: vijay nandan
लद्दाख: जाने-माने शिक्षाविद और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के संस्थान पर विदेशी अंशदान (FCRA) नियमों के उल्लंघन के आरोपों की जांच तेज़ हो गई है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की एक टीम लद्दाख पहुंचकर वांगचुक से जुड़े संस्थानों के वित्तीय रिकॉर्ड खंगाल रही है।
क्या है मामला
CBI के मुताबिक, यह जांच गृह मंत्रालय की शिकायत पर शुरू की गई है। एजेंसी के अधिकारी हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) और स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) के बैंक खातों की विस्तृत पड़ताल कर रहे हैं। आरोप है कि इन संस्थानों ने 2022 से 2024 के बीच विदेशी फंडिंग प्राप्त की, लेकिन एफसीआरए के तहत आवश्यक मंज़ूरी नहीं ली गई।

वांगचुक का पक्ष
सोनम वांगचुक ने स्पष्ट किया कि उनका संगठन विदेशी धन पर निर्भर नहीं है और वे अपने ज्ञान और परियोजनाओं से राजस्व अर्जित करते हैं। उन्होंने बताया कि सीबीआई टीम ने 2020 और 2021 के भी रिकॉर्ड मांगे हैं, जबकि आदेश 2022–2024 की अवधि के लिए था। वांगचुक का कहना है कि उनकी सभी गतिविधियाँ पारदर्शी और नियमों के अनुरूप हैं।
संस्थानों की गतिविधियाँ
दोनों संस्थान ज़रूरतमंद छात्रों को मुफ्त शिक्षा देते हैं और एचआईएएल में छात्रों को परियोजनाओं पर काम के लिए वजीफा भी दिया जाता है।
पृष्ठभूमि और हालिया घटनाक्रम
वांगचुक ने हाल ही में लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और उसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर अनशन किया था। इस दौरान क्षेत्र में हिंसा और आगजनी की घटनाएं भी हुईं। वांगचुक ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ पहले देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया, फिर जमीन पट्टे से जुड़ी कार्रवाई और अब केंद्रीय एजेंसियों की जांच शुरू हुई।
वर्तमान स्थिति
सीबीआई टीम अब भी लद्दाख में मौजूद है और संबंधित दस्तावेजों व खातों की गहन जांच कर रही है। हालांकि अभी तक किसी भी प्रकार की प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।