रिपोर्टर: सुनील कुमार ठाकुर
बलरामपुर जिले से एक बड़ा मामला सामने आया है। फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (POCSO एक्ट) ने नाबालिग लड़की से शादी का झांसा देकर दुष्कर्म और धमकाने के दोषी शाहिद उर्फ चिश्ती अंसारी को 20 साल के कठोर कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला समाज को स्पष्ट संदेश देता है कि नाबालिगों के साथ यौन शोषण को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मामला क्या है?
- पीड़िता ने 27 जुलाई 2022 को पुलिस चौकी विजयनगर में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी।
- उसने बताया कि पढ़ाई के दौरान उसकी पहचान शाहिद से हुई और दोनों में मोबाइल पर बातचीत होने लगी।
- नवंबर 2021 में आरोपी ने शादी का प्रलोभन देकर उसका यौन शोषण किया।
- नवंबर 2021 से अप्रैल 2022 तक आरोपी ने अलग-अलग स्थानों पर कई बार जबरन शारीरिक संबंध बनाए।
- समाज और परिवार में बदनामी के डर से पीड़िता लंबे समय तक चुप रही।
- लेकिन जब आरोपी ने उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल कर दीं, तब उसने साहस जुटाकर पुलिस से शिकायत की।
पुलिस की कार्रवाई
- चौकी प्रभारी उप निरीक्षक धीरेन्द्र बंजारे ने पीड़िता की शिकायत पर अपराध क्रमांक 267/2022 दर्ज किया।
- मामला थाना रामानुजगंज में पंजीकृत किया गया।
- इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत के समक्ष पेश किया गया।
अदालत का फैसला
माननीय अपर सत्र न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी, फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (POCSO एक्ट) ने आरोपी को दोषी करार देते हुए कड़ी सजा सुनाई।
सुनाई गई सज़ाएँ
- POCSO एक्ट, धारा 6 – 20 वर्ष का सश्रम कारावास व ₹20,000 अर्थदंड (न देने पर 6 माह अतिरिक्त कारावास)।
- IPC धारा 313 – 10 वर्ष का सश्रम कारावास व ₹1,000 अर्थदंड (न देने पर 6 माह अतिरिक्त कारावास)।
- IPC धारा 506 (भाग-2) – 3 वर्ष का कारावास व ₹500 अर्थदंड (न देने पर 6 माह अतिरिक्त कारावास)।
- IPC धारा 509 – 1 वर्ष का कारावास व ₹500 अर्थदंड (न देने पर 1 माह अतिरिक्त कारावास)।
समाज को मिला संदेश
यह फैसला समाज के लिए एक कड़ा संदेश है कि शादी का झांसा देकर नाबालिग लड़कियों का शोषण करने वालों को कानून बख्शेगा नहीं। न्यायपालिका ऐसे अपराधों को गंभीरता से लेते हुए कठोर सजा सुना रही है।





