BY: Yoganand Shrivastva
लगातार हो रही भारी बारिश के बीच दिल्ली में बाढ़ का खतरा गहराता जा रहा है। हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं और वहां से करीब 1.16 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह पानी अगले 48 से 50 घंटों में दिल्ली तक पहुंच जाएगा, जिससे राजधानी में यमुना का जलस्तर खतरनाक स्तर पार कर सकता है।
यमुना नदी में बढ़ा जलस्तर
पिछले कई दिनों से उत्तर भारत के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार बारिश हो रही है। इसी कारण यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस मानसून सीजन में पहली बार हथिनीकुंड बैराज के सभी गेट खोलने पड़े हैं।
सरकार की एडवाइजरी
दिल्ली प्रशासन ने हालात को देखते हुए सतर्कता बरतने की अपील की है। जारी एडवाइजरी के अनुसार, 17 अगस्त को छोड़े गए पानी और ऊपरी यमुना क्षेत्र में हो रही भारी बारिश को ध्यान में रखते हुए अनुमान लगाया गया है कि 19 अगस्त की रात करीब 2 बजे यमुना नदी का जलस्तर 206 मीटर से ऊपर जा सकता है।
हरियाणा में भी नदियां उफान पर
केवल यमुना ही नहीं, बल्कि सोम नदी भी भारी बारिश के चलते उफान पर आ गई है। यमुनानगर और हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश के बाद सोम नदी का तटबंध टूट गया, जिससे पानीवाला और धनौरा जैसे गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा। धनौरा में नदी का पानी पुल के ऊपर से बहता हुआ देखा गया, जो हरियाणा के रणजीतपुर को हिमाचल प्रदेश से जोड़ता है।
सुखना झील का पानी भी खतरे के निशान पर
इस बीच, चंडीगढ़ में भी हालात गंभीर होते दिख रहे हैं। यहां सुखना झील का पानी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया, जिसके चलते झील के तीन फाटक में से एक को खोलना पड़ा। अतिरिक्त पानी को सुखना चोह के जरिये बाहर निकाला गया। प्रशासन ने पहले ही आसपास के इलाकों को सतर्क कर दिया था। आमतौर पर झील के गेट तब खोले जाते हैं जब पानी का स्तर 1,163 फुट तक पहुंच जाता है।





