BY: Yoganand Shrivastva
चुनाव आयोग द्वारा रविवार को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद एक बार फिर मतदाता सूची और चुनाव की निष्पक्षता पर राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है। विपक्ष ने आयोग पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, जबकि बीजेपी ने पलटवार करते हुए विपक्ष को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है।
दिग्विजय सिंह का सवाल – बीजेपी के पास क्यों है वोटर लिस्ट की सॉफ्ट कॉपी?
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश के इंदौर में पत्रकारों से कहा कि अगर चुनाव आयोग वास्तव में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है, तो फिर मतदाता सूची की सॉफ्ट कॉपी सभी दलों को समान रूप से क्यों उपलब्ध नहीं कराई जाती? उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के पास वोटर लिस्ट की सॉफ्ट कॉपी है, लेकिन विपक्षी दलों को यह सुविधा नहीं दी जा रही।
उन्होंने आगे कहा – “क्या यही चुनावी निष्पक्षता है? आज राहुल गांधी ने इन्हीं सवालों को लेकर मतदाता अधिकार यात्रा की शुरुआत की है, लेकिन चुनाव आयोग विपक्ष के सवालों का जवाब देने के बजाय हम पर ही आरोप लगा रहा है।”
मनोज झा ने दी चेतावनी – सुकुमार सेन को याद करें
आरजेडी सांसद मनोज झा ने भी चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस को असंतोषजनक बताया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग संविधान से जन्मा संस्थान है, लेकिन यह संविधान से ऊपर नहीं हो सकता।
मनोज झा बोले – “मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को आजाद भारत के पहले चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन को याद करना चाहिए। आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में न तो विपक्ष के सवालों का कोई जवाब मिला और न ही निष्पक्षता का भरोसा। संविधान के नाम पर संविधान की धज्जियां उड़ाना स्वीकार नहीं किया जा सकता।”
इसी कड़ी में सीपीआई(एम) सांसद डॉ. वी. शिवदासन ने भी आयोग की आलोचना की और कहा कि चुनाव आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठना स्वाभाविक है क्योंकि अब यह पूरी तरह सरकार और प्रधानमंत्री पर निर्भर है, जिससे संस्था की स्वतंत्रता और विश्वसनीयता प्रभावित हो रही है।
बीजेपी का पलटवार – राहुल गांधी पर कड़ा वार
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने विपक्ष के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने कहा – “राहुल गांधी झूठ फैलाकर देश में अराजकता पैदा करना चाहते हैं। चुनाव आयोग ने साफ-साफ तथ्य प्रस्तुत किए हैं। कांग्रेस और आरजेडी ने बिहार में अवैध घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में जोड़ने का काम किया है। अब जब वे पकड़े गए हैं तो चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं।”
मनोज तिवारी ने आगे कहा कि अगर राहुल गांधी अपने दावों का सबूत पेश नहीं कर पाते, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, यहां तक कि उनकी सांसद सदस्यता भी समाप्त कर दी जानी चाहिए।





