BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली, INDIA गठबंधन के विरोध मार्च के दौरान सोमवार को एक दिलचस्प नज़ारा देखने को मिला, जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव दिल्ली पुलिस की बैरिकेडिंग पर चढ़कर उस पार कूद गए। यह घटना तब हुई, जब पुलिस ने संसद से चुनाव आयोग मुख्यालय तक निकाले जा रहे विपक्षी नेताओं के मार्च को ट्रांसपोर्ट भवन के पास रोक दिया।
इस मार्च में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और कई अन्य विपक्षी सांसद शामिल थे। उनका आरोप है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर वोट चोरी हुई और बिहार में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया का इस्तेमाल मतदाता सूची में धांधली करने के लिए किया जा रहा है।
#WATCH | Delhi: "… They are using the police to stop us…," says Samajwadi Party Chief and MP Akhilesh Yadav as he sits down to protest as police stop the opposition MPs from marching towards the Election Commission of India. pic.twitter.com/u3ScvbxWiX
— ANI (@ANI) August 11, 2025
“लोकतंत्र पर हमला” — अखिलेश यादव
बैरिकेड लांघने के बाद अखिलेश यादव ने कहा,
“चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, लेकिन अब इसका इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए हो रहा है। बिहार में गरीब, दलित, अल्पसंख्यक और विपक्ष समर्थक मतदाताओं के नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं।”
उन्होंने उत्तर प्रदेश के कुंदरकी, मीरापुर और अयोध्या के मिल्कीपुर उपचुनावों का उदाहरण देते हुए आरोप लगाया कि वहां भी पुलिस और प्रशासन ने चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की।
विपक्ष का आरोप, सत्ता पक्ष का जवाब
विपक्ष का कहना है कि SIR के तहत बिहार में 7.9 करोड़ मतदाताओं की सूची की समीक्षा हो रही है, जिसमें बिना ठोस कारण नाम हटाए जा रहे हैं। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ साज़िश करार दिया।
दूसरी ओर, सत्ता पक्ष ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए इसे चुनाव आयोग की नियमित प्रक्रिया बताया। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा,
“विपक्ष को अवैध मतदाताओं की चिंता है। मतदाता सूची को सही करना चुनाव आयोग की ज़िम्मेदारी है और यह काम नियमों के तहत हो रहा है।”





