रिपोर्ट- रूपेश सोनी
कोर्ट परिसर में गहराया तनाव, दुकानदारों में डर का माहौल
हजारीबाग व्यवहार न्यायालय परिसर में लंबे समय से स्टेशनरी, फॉर्म, फोटो स्टेट सहित अन्य जरूरी सामानों की दुकान चला रहे दुकानदारों के बीच डर और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। वजह है कोर्ट परिसर में बार एसोसिएशन के नए भवन के निर्माण को लेकर शुरू हुआ विवाद, जिसके चलते स्टांप वेंडर का शेड तोड़ा गया और अन्य दुकानदारों को अपनी दुकान हटाने के लिए मौखिक निर्देश दिए गए हैं।
50 साल पुरानी दुकान पर खतरा, बिना नोटिस हटाने का दबाव
दुकानदार मनोज गुप्ता ने बताया कि उनकी दुकान पिछले 50–60 वर्षों से न्यायालय परिसर में चल रही है। उन्होंने हजारीबाग डीसी के निर्देश पर खास महाल पदाधिकारी से वैध रूप से दुकान अलॉट करवाई थी और नियमित किराया भी दे रहे हैं। इसके बावजूद न कोई नोटिस मिला, न सुनवाई हुई और अब अधिवक्ताओं द्वारा दुकान हटाने की धमकी दी जा रही है।
मनोज गुप्ता ने बताया, “रात में आकर दुकान तोड़ने की धमकी दी गई है, हम दहशत में हैं। हमने डीसी से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई है।”
दुकानदारों की पीड़ा: “अब दूसरा काम नहीं कर सकते”
दुकानदार अवधेश कुमार दुबे ने कहा, “हमने पूरी उम्र यहीं दुकान चलाते हुए गुजार दी। अब कोई दूसरा काम नहीं कर सकते। हम कानूनी तरीके से दुकान चला रहे हैं लेकिन डर के माहौल में जीने को मजबूर हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि बार एसोसिएशन के भवन निर्माण के नाम पर छोटे दुकानदारों की आजीविका छीनने की कोशिश की जा रही है।
जज का बयान: सभी की सुविधा का रखा जाएगा ध्यान
हजारीबाग के प्रमुख सत्र एवं जिला न्यायाधीश रंजीत कुमार ने इस मामले में कहा कि बार एसोसिएशन की बिल्डिंग निर्माण में न्यायपालिका और प्रशासन की सहभागिता रहेगी। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि निर्माण कार्य किसी को परेशानी या नुकसान पहुंचाए बिना किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “जो छोटे दुकानदार हैं, मुंशी हैं, उनकी आजीविका का ख्याल रखा जाएगा।”
फिलहाल तनावपूर्ण माहौल, दुकानदारों को डर
कोर्ट परिसर में फिलहाल तनाव का माहौल है। 24 दुकानदारों की रोजी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है और उन्हें डर है कि कभी भी उनकी दुकानें बिना पूर्व सूचना के तोड़ी जा सकती हैं। सभी ने प्रशासन से न्याय और स्थायी समाधान की मांग की है।