बदायूं: सावन के महीने में कांवड़ यात्रा के चलते लागू किए गए रूट डायवर्जन प्लान से बदायूं डिपो की रोडवेज बस सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई है। कांवड़ यात्रा रूट डायवर्जन के कारण बसों को निर्धारित मार्ग से घुमाकर चलाया जा रहा है, जिससे यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई है। यह डायवर्जन शुक्रवार से सोमवार तक लागू रहता है और इसी अवधि में आय में सबसे अधिक गिरावट देखी गई है।
🚌 रूट डायवर्जन की वजह से परिवहन निगम की इनकम सीधे प्रभावित
परिवहन निगम के अधिकारियों का कहना है कि डायवर्जन के कारण बसें लंबा रास्ता तय कर रही हैं और यात्रियों की संख्या भी कम हो रही है, जिससे परिवहन निगम की इनकम में सीधा असर पड़ा है। सबसे अधिक असर बरेली, दिल्ली, कासगंज, आगरा और मथुरा रूट पर चलने वाली बसों पर पड़ा है। ये सभी बसें अब आंवला और अलीगंज होकर भेजी जा रही हैं।
📉 हर दिन ₹5 लाख तक पहुंचा नुकसान
बदायूं डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक राजेश पाठक ने जानकारी दी कि डायवर्जन की वजह से प्रतिदिन डिपो को करीब 5 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। यात्रियों की संख्या में गिरावट और लंबा रास्ता दोनों मिलकर डिपो की कमाई को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
🔁 रूट डायवर्जन से बदले गए मुख्य मार्ग
- बरेली रूट: आंवला और अलीगंज होकर बसें चलाई जा रही हैं
- दिल्ली रूट: वैकल्पिक मार्ग से संचालन
- आगरा-कासगंज रूट: डायवर्जन प्लान के तहत बसें परिवर्तित मार्ग से
- मथुरा रूट: कांवड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रास्ता बदला गया
🚦 कांवड़ियों की सुरक्षा प्राथमिकता, पर आम यात्रियों की सुविधा पर असर
प्रशासन ने साफ किया है कि कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए रूट डायवर्जन लागू किया गया है। लेकिन इसका असर आम जनता और रोडवेज की आमदनी पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
🔍 निष्कर्ष
कांवड़ यात्रा रूट डायवर्जन भले ही श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए किया गया हो, लेकिन इसका असर रोडवेज बस सेवा, यात्रियों की संख्या और परिवहन निगम की इनकम पर साफ देखा जा रहा है। यदि यही स्थिति बनी रही तो आने वाले हफ्तों में डिपो को और ज्यादा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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