UP Chief Secretary 2025 को लेकर उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में बड़ा सस्पेंस बन गया है। मौजूदा मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का कार्यकाल 31 जुलाई 2025 को समाप्त हो रहा है और अब यह चर्चा तेज हो गई है कि राज्य को अगला मुख्य सचिव कौन मिलेगा।
राज्य सरकार ने मनोज सिंह को सेवा विस्तार देने के लिए जुलाई के पहले सप्ताह में ही केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था। हालांकि, अभी तक केंद्र की तरफ से किसी भी प्रकार की स्वीकृति नहीं मिली है। ऐसे में अगर विस्तार नहीं मिलता, तो कुछ नाम सामने आ रहे हैं जो अगली मुख्य सचिव की दौड़ में सबसे आगे हैं।
🧩 मुख्य सचिव की रेस में कौन-कौन?
अगर सेवा विस्तार को केंद्र सरकार से स्वीकृति नहीं मिलती, तो तीन सीनियर आईएएस अधिकारियों के नाम प्रमुख रूप से चर्चा में हैं:
- एसपी गोयल: वर्तमान में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव हैं।
- दीपक कुमार: वित्त, माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग और एपीसी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
- देवेश चतुर्वेदी: वर्तमान में केंद्र सरकार में सचिव, कृषि मंत्रालय के पद पर प्रतिनियुक्त हैं।
यह सभी अधिकारी प्रशासनिक अनुभव और रणनीतिक निर्णय लेने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं, जिससे इन्हें मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
🗂️ मनोज सिंह की भूमिका और उपलब्धियां
मनोज कुमार सिंह को जून 2024 में उत्तर प्रदेश का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था। उनका प्रशासनिक अनुभव और परियोजनाओं के क्रियान्वयन में दक्षता उल्लेखनीय रही है। वे वर्तमान में IIDC, चेयरमैन पिकप, और सीईओ यूपीडा जैसे अहम पदों पर भी कार्यरत हैं।
उनकी नियुक्ति के दौरान राज्य में कई बड़ी परियोजनाएं तेज़ी से आगे बढ़ीं और निवेश की दिशा में सरकार की नीतियों को मजबूती मिली।
🔎 31 जुलाई के बाद क्या होगा?
वरिष्ठ सरकारी सूत्रों का कहना है कि 31 जुलाई 2025 के बाद ही उत्तर प्रदेश प्रशासनिक मशीनरी में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। यह बदलाव इस बात पर निर्भर करेगा कि मनोज सिंह को सेवा विस्तार मिलता है या नहीं।
अगर नया मुख्य सचिव नियुक्त होता है, तो उससे पहले एक बार फिर शासन स्तर पर जिम्मेदारियों का पुनर्गठन देखा जा सकता है। यह भी संभव है कि कुछ बड़े विभागों के सचिव भी बदले जाएं।
🗳️ इससे पहले भी मिले थे सेवा विस्तार
मनोज सिंह को पहले भी कार्यकाल के दौरान सेवा विस्तार मिल चुका है। उनकी कार्यशैली और मुख्यमंत्री के साथ समन्वय को देखते हुए सरकार ने बार-बार उन पर भरोसा जताया है। लेकिन इस बार केंद्र की मंजूरी अभी तक रुकी हुई है, जिससे अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।
🌐 राज्य प्रशासन के लिए क्यों अहम है यह फैसला?
मुख्य सचिव राज्य का शीर्ष अधिकारी होता है और वही नीतिगत फैसलों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करता है। ऐसे में नया मुख्य सचिव आने पर विकास की प्राथमिकताओं, योजनाओं के स्वरूप और अफसरशाही की कार्यशैली में बदलाव हो सकता है।
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