रिपोर्ट- इमतियाज़ अंसारी
श्रावण मास में बाबा बैजनाथ धाम की ओर बढ़ते श्रद्धालुओं की आस्था का रूप हर दिन नया नजारा पेश कर रहा है। इसी कड़ी में पटना सिटी के मारूफगंज से आए करीब 400 कांवरियों का एक समूह 54 किलो चांदी से बने 54 फीट लंबे भव्य कांवर के साथ देवघर बाबा मंदिर पहुंचा। कांवर की भव्यता और भक्ति ने वहां मौजूद सभी श्रद्धालुओं और दर्शनार्थियों का ध्यान खींच लिया।
करोड़ों की लागत से बना आस्था का प्रतीक
इस अद्भुत कांवर को लेकर आए शिवभक्त विनोद बाबा ने जानकारी देते हुए बताया कि वे 2008 से लगातार श्रावण मास में कांवर यात्रा कर रहे हैं। सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर पैदल यात्रा करते हुए 54 घंटे में बाबा बैजनाथ धाम पहुंचते हैं। इस विशेष कांवर की विशेषता है कि इसमें बाबा बैजनाथ धाम का मंदिर, भगवान भोलेनाथ का पूरा परिवार, मां दुर्गा, मां काली, राधा-कृष्ण, मां लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमाएं शामिल हैं, जिन्हें चांदी से तराशा गया है।
बताया गया कि इस कांवर को तैयार करने में करीब एक करोड़ रुपये की लागत आई है। हर साल इसमें और भी चांदी एवं अन्य सजावटी वस्तुओं को जोड़ा जाता है, जिससे इसकी भव्यता और अधिक बढ़ती जा रही है।
श्रद्धालुओं में रहा जबरदस्त उत्साह
बाबा मंदिर पहुंचते ही इस आकर्षक कांवर को देखने और उसके साथ सेल्फी लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। कांवरियों ने बाबा बैजनाथ के दर्शन कर पूजा-अर्चना की और सभी के सुख-शांति की कामना की। पूजा के बाद यह टोली बासुकीनाथ धाम के लिए रवाना हो गई।
आस्था और भक्ति का संगम
श्रावण मास में कांवर यात्रा सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि श्रद्धा और भक्ति का जीवंत उदाहरण बन जाती है। 54 किलो चांदी से सजे इस 54 फीट लंबे कांवर ने यह साबित कर दिया कि सच्ची आस्था आकार, वजन या दूरी की मोहताज नहीं होती – वह बस समर्पण मांगती है।