क्रिकेट अब सिर्फ पारंपरिक देशों तक सीमित नहीं है। जहां एक ओर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने केवल 12 देशों को टेस्ट खेलने की मान्यता दी है, वहीं दूसरी ओर फ्रेंचाइजी क्रिकेट का दायरा 23 देशों तक पहुंच चुका है। इस विस्तार में सबसे मजबूत भूमिका भारत निभा रहा है — न केवल खिलाड़ियों के रूप में, बल्कि निवेशकों, ब्रॉडकास्टर्स, और क्रिकेट ब्रांड्स के रूप में भी।
भारत से जुड़ी हैं दुनियाभर की 31 क्रिकेट लीग्स
वर्ल्ड क्रिकेटर्स एसोसिएशन के अनुसार, दुनिया में कुल 48 सक्रिय क्रिकेट लीग्स हैं, जिनमें से 31 में भारत का कोई न कोई जुड़ाव है। यह कनेक्शन कई रूपों में है:
- IPL फ्रेंचाइजी मालिकों की अंतरराष्ट्रीय टीमें
- भारतीय मूल के क्रिकेटर्स की भागीदारी
- पूर्व क्रिकेटर्स और बॉलीवुड स्टार्स की सहभागिता
- ब्रांड एंबेसडर और कमेंट्री में भारतीय चेहरों की मौजूदगी
कुछ प्रमुख अंतरराष्ट्रीय लीग्स जिनमें भारत की मौजूदगी है:
- IPL (भारत)
- ILT20 (UAE)
- SA20 (दक्षिण अफ्रीका)
- MLC (अमेरिका)
- द हंड्रेड (इंग्लैंड)
- लंका प्रीमियर लीग (श्रीलंका)
- नेपाल टी20
- अबु धाबी टी10
- कैरेबियन लीग्स
- यूरोपियन टी20 प्रीमियर लीग
कुल मिलाकर, भारत दुनिया की हर तीसरी क्रिकेट लीग में किसी न किसी रूप में जुड़ा हुआ है।
अमेरिका बना नया क्रिकेट हब: भारत के बाद सबसे ज्यादा लीग्स
क्रिकेट अमेरिका में पारंपरिक खेल नहीं रहा, फिर भी वहां 11 क्रिकेट लीग्स सक्रिय हैं — यह संख्या भारत (21 लीग्स) के बाद सबसे ज्यादा है।
मेजर लीग क्रिकेट (MLC) की सफलता इसका बड़ा उदाहरण है। MI न्यूयॉर्क — जो IPL की मुंबई इंडियंस फ्रेंचाइजी से जुड़ी है — ने इस टूर्नामेंट का खिताब जीता है।
भारतीय चेहरों की वैश्विक उपस्थिति
- सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर इंटरनेशनल मास्टर्स लीग के को-फाउंडर हैं
- अभिषेक बच्चन ने यूरोपियन टी20 में निवेश किया है
- शिखर धवन नेपाल लीग में खेले हैं
- युवराज सिंह कनाडा लीग का हिस्सा रहे
- सुरेश रैना कतर में लीजेंड्स लीग मास्टर्स खेल चुके हैं
भारत में भी तेजी से बढ़ रहीं हैं घरेलू स्टेट लीग्स
2008 में IPL की शुरुआत के बाद भारत में 15 घरेलू टी20 लीग्स शुरू हुईं हैं:
- तमिलनाडु प्रीमियर लीग
- यूपी टी20
- बड़ौदा प्रीमियर लीग
- मप्र प्रीमियर लीग
- सौराष्ट्र प्रो टी20
- बंगाल टी20
- ओडिशा लीग
- छग प्रीमियर लीग
- और कई अन्य
इन सभी लीग्स ने लोकल टैलेंट को एक्सपोजर देने के साथ क्रिकेट की जड़ों को और गहरा किया है।
क्रिकेट का भविष्य: एक ग्लोबल ब्रांड
क्रिकेट अब सिर्फ ‘जेंटलमैन गेम’ नहीं, बल्कि ग्लोबल स्पोर्ट्स इकोनॉमी का हिस्सा बन चुका है।
भारत की भूमिका इसमें एक लीडर की तरह है — चाहे वो मैदान पर हो, या मैदान के बाहर।
मुख्य बिंदु सारांश:
- 23 देशों में क्रिकेट लीग्स, जबकि सिर्फ 12 देश टेस्ट खेलते हैं
- 31 ग्लोबल लीग्स में भारत का कोई न कोई योगदान है
- अमेरिका में 11 लीग्स, भारत के बाद सबसे अधिक
- भारतीय खिलाड़ी, ब्रांड्स और सेलिब्रिटी हर जगह सक्रिय
- भारत में 15 सक्रिय स्टेट टी20 लीग्स
भारत का क्रिकेट, अब पूरी दुनिया का
भारत ने सिर्फ क्रिकेट खेला नहीं, बल्कि इसे ग्लोबल ब्रांड बना दिया। चाहे IPL हो या अमेरिका की MLC, भारत की छवि क्रिकेट के हर पहलू में साफ नजर आती है। आने वाले समय में यह रुझान और गहराएगा, और भारत की भागीदारी क्रिकेट की वैश्विक राजनीति में और मजबूत होगी।