BY: Yoganand Shrivastva
उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जिसमें खुद को बाबा कहने वाला एक शख्स, छांगुर, मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आया है। लगातार हो रहे खुलासों में एक और सनसनीखेज जानकारी सामने आई है — छांगुर एक ‘लव जिहाद ब्रिगेड’ चला रहा था, जिसकी अगुवाई एक व्यक्ति रशीद उर्फ गाजी कर रहा था।
कौन है ये गाजी?
‘गाजी’ एक ऐसा नाम है जो इस नेटवर्क में खास अहमियत रखता है। छांगुर ने रशीद को ही ‘गाजी’ का दर्जा दिया था, क्योंकि वह धर्मांतरण को जिहाद की तरह अंजाम दे रहा था। रशीद का काम था हिंदू युवतियों को प्रेम-जाल में फंसाकर उन्हें इस्लाम कुबूल करवाना। यह सब सुनियोजित तरीके से होता था और इसके पीछे एक बड़ा संगठन काम कर रहा था।
धर्मांतरण की कीमत – इंसान की कीमत?
सूत्रों के मुताबिक, हर व्यक्ति का धर्मांतरण करवाने पर रशीद को 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक मिलते थे, जबकि अगर कोई हिंदू लड़की इस नेटवर्क के जरिए धर्म बदलती, तो राशी 3 से 5 लाख रुपये तक पहुंच जाती थी। यह केवल धर्म का मामला नहीं था – यह पैसे, पावर और प्रचार का गंदा खेल था।
गजवा-ए-हिंद की साजिश?
रशीद, जो पहले भी आजमगढ़ में अवैध धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार हो चुका है, अब छांगुर के आदेश पर गजवा-ए-हिंद जैसी विचारधारा को हवा देने का काम कर रहा था। गजवा का मतलब है – इस्लाम के विस्तार के लिए युद्ध, और इस ‘युद्ध’ के सैनिकों को ‘गाजी’ कहा जाता है। यही कारण है कि छांगुर उसे ‘गाजी’ कहकर पुकारता था।
“रशीद धर्मांतरण को धार्मिक जंग बताकर मुस्लिम युवाओं को भड़काता था,” – जांच एजेंसियों का दावा
कैसे चल रहा था धर्मांतरण का यह खेल?
- 46 गांवों में जाल: रशीद ने नेपाल बॉर्डर से सटे करीब 46 गांवों में नेटवर्क खड़ा किया, जहां वह युवाओं को जिहादी मानसिकता के लिए तैयार कर रहा था।
- धार्मिक जलसे और ‘सेलेक्शन’: वह धार्मिक सभाओं के जरिए युवाओं की सोच को परखता और जिहाद की ओर झुकाव रखने वालों को आर्थिक मदद देने का लालच देता।
- वीडियो सबूत: रशीद पहले लोगों से कलमा पढ़वाता, फिर उन्हें प्रतिबंधित पशु का मांस खिलाकर धर्म बदलवाने की प्रक्रिया पूरी करता। इसका वीडियो बनाकर छांगुर को भेजा जाता, जो उन फुटेज को इस्लामिक फंडिंग एजेंसियों को भेजता था।
विदेशी फंडिंग की तैयारी?
जांच में खुलासा हुआ है कि इस पूरे नेटवर्क को मजबूत करने के लिए करीब 10 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग की योजना बन चुकी थी।
रशीद और छांगुर का मकसद था — हिंदू युवाओं और युवतियों को बहलाकर इस्लाम में लाना और फिर इसका प्रचार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करना, ताकि फंडिंग में इजाफा हो और नेटवर्क का विस्तार किया जा सके।
प्रशासन और खुफिया एजेंसियां अलर्ट
अब तक की जांच में जो सामने आया है, उसने प्रदेश की खुफिया एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है। इस पूरे षड्यंत्र में सिर्फ धार्मिक बदलावा नहीं, बल्कि देश की सांप्रदायिक एकता को तोड़ने की गहरी साजिश है।
सूत्रों का मानना है कि अभी कई और चेहरे इस नेटवर्क में शामिल हो सकते हैं, और जल्द ही और गिरफ्तारियां संभव हैं।
यह केवल एक धर्मांतरण का मामला नहीं, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है।
छांगुर और गाजी जैसे लोग धर्म की आड़ में जिस तरह लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, वह सिर्फ कानून ही नहीं, समाज के लिए भी सबसे बड़ा खतरा बन चुका है।