BY: Yoganand Shrivastva
हरिद्वार, उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के ज्वालापुर क्षेत्र से कांवड़ यात्रा के दौरान एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक शिवभक्त कांवड़िये ने बीच चौराहे पर चाकू से अपने ही गले पर हमला कर आत्महत्या का प्रयास किया। यह दृश्य देखकर आसपास मौजूद लोग स्तब्ध रह गए।
यह घटना जुर्स कंट्री रेड लाइट चौराहे पर हुई, जहां 23 वर्षीय कांवड़िया प्रवीण कुमार, जो हरियाणा के रोहतक का निवासी है, अचानक सड़क पर चाकू निकालकर अपने गले पर वार करने लगा। उसकी इस हरकत को देखकर उसके साथ चल रहे अन्य श्रद्धालुओं ने उसे रोकने की कोशिश की और पुलिस को सूचना दी।
मौके पर पहुंची पुलिस और एंबुलेंस
जानकारी मिलते ही पुलिस और 108 एंबुलेंस सेवा मौके पर पहुंची। कांवड़िए को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि गले पर गंभीर चोटें हैं और उसे कई टांके लगाए गए हैं।
पुलिस के अनुसार, यह मामला आत्महत्या के प्रयास का है और फिलहाल इस कृत्य के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है। अधिकारियों ने बताया कि घटना की गंभीरता से जांच की जा रही है, और प्रवीण के मानसिक हालात, पारिवारिक पृष्ठभूमि व यात्रा के दौरान हुई किसी संभावित घटना को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है।
शिवभक्तों में फैली सनसनी
घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। कांवड़ यात्रा के दौरान इस तरह की असामान्य घटना ने श्रद्धालुओं को चौंका दिया है। हालांकि घायल कांवड़िये की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। पुलिस ने प्रवीण के साथ चल रहे कांवड़ियों से भी पूछताछ की है।
कांवड़ यात्रा: आस्था की परंपरा
गौरतलब है कि कांवड़ यात्रा उत्तर भारत की एक प्राचीन धार्मिक परंपरा है, जिसमें भक्त गंगा जल लेकर पैदल चलकर शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। यात्रा के दौरान कांवड़िए भगवा वस्त्र पहनते हैं, नंगे पांव चलते हैं और भक्ति गीतों का जाप करते हैं। यह यात्रा सावन मास में विशेष रूप से श्रद्धा, तपस्या और संयम का प्रतीक मानी जाती है।