भारत को नया स्प्रिंटिंग स्टार मिल गया है – अनिमेष कुजूर, जिन्होंने ग्रीस में आयोजित ड्रोमिया इंटरनेशनल स्प्रिंट मीट में सिर्फ 10.18 सेकंड में 100 मीटर की दूरी पूरी कर भारत के सबसे तेज धावक का खिताब अपने नाम किया।
इस शानदार प्रदर्शन ने न सिर्फ गुरइंदरबीर सिंह का रिकॉर्ड तोड़ा, बल्कि देश भर में अनिमेष को एक नई पहचान भी दिलाई।
कहां से आते हैं अनिमेष?
- मूल निवासी: जशपुर, छत्तीसगढ़
- गांव: घुइतांगर, एक आदिवासी बहुल इलाका
- शिक्षा: सैनिक स्कूल अंबिकापुर से 12वीं पास (2020)
- माता-पिता: दोनों ही छत्तीसगढ़ पुलिस में DSP पद पर
अनिमेष का सपना पहले सेना में भर्ती होने का था, लेकिन रनिंग ट्रैक ने उनकी जिंदगी की दिशा ही बदल दी।
रिकॉर्ड ब्रेकिंग परफॉर्मेंस
- दौड़: 100 मीटर
- समय: 10.18 सेकंड
- स्थान: वारी, ग्रीस
- पोजिशन: तीसरे स्थान पर
(पहला – बेंजामिन रिचर्डसन, दक्षिण अफ्रीका – 10.01 सेकंड
दूसरा – अली अल बलूशी, ओमान – 10.12 सेकंड)
तुलना के लिए: उसैन बोल्ट का वर्ल्ड रिकॉर्ड – 9.58 सेकंड
कैसे हुई शुरुआत?
फुटबॉल से दौड़ तक
- कोविड लॉकडाउन के दौरान कांकेर में समय बिताया
- फुटबॉल के शौकीन थे, रोज़ाना मैदान में प्रैक्टिस
- दोस्तों के कहने पर ओपन स्टेट टूर्नामेंट में हिस्सा लिया
पहला टूर्नामेंट
- 100 मीटर दौड़ और गोला फेंक में भागीदारी
- प्रदर्शन अच्छा रहा, और एक के बाद एक टूर्नामेंट में हिस्सा लेने लगे
- एक साल में दौड़ उनका जुनून बन गई
कोच की नजर ने बदली जिंदगी
रिलायंस फाउंडेशन एथलेटिक्स हाई परफॉर्मेंस सेंटर, ओडिशा में कोच मार्टिन ओवेंस की नजर अनिमेष पर पड़ी।
“शुरुआत में उनके बॉडी पॉश्चर और तकनीक में सुधार की जरूरत थी, लेकिन उनकी स्पीड कमाल की थी,” – कोच ओवेंस
- उन्होंने अनिमेष को प्रशिक्षण के लिए बुलाया
- अनिमेष ने तुरंत हामी भरी और ट्रेनिंग शुरू की
- साल भर में शानदार सुधार दिखा
अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियां
स्पेन मीट (पिछला साल)
- दौड़: 100 मीटर
- समय: 10.27 सेकंड (तब का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ)
जेनेवा मीट (पिछले महीने)
- दौड़: 200 मीटर
- समय: 20.27 सेकंड
- यह भारत की सबसे तेज़ 200 मीटर दौड़ थी, लेकिन…
- हवा की गति 2.3 m/s होने के कारण यह आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं बना
यूरोप दौरे पर हैं अनिमेष
अनिमेष फिलहाल यूरोप दौरे पर हैं, जहां वह और भारतीय युवा धावक उच्चस्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे हैं।
कोच ओवेंस के अनुसार:
“यूरोपीय प्रतियोगिताएं युवा खिलाड़ियों को बड़ा अनुभव और प्रतिस्पर्धा देती हैं। इससे उनके प्रदर्शन में और निखार आता है।”
मेहनत, लगन और सपनों का मेल
अनिमेष कुजूर की यात्रा सिर्फ ट्रैक की नहीं, बल्कि सपनों, संघर्ष और समर्पण की कहानी है। एक छोटे आदिवासी गांव से निकलकर, भारत के सबसे तेज धावक बनने तक उन्होंने दिखा दिया कि अगर हौसले बुलंद हों, तो कोई मंज़िल दूर नहीं।