BY: Yoganand Shrivastva
देहरादून,उत्तराखंड सरकार ने राज्य में ऊर्जा क्षेत्र को आत्मनिर्भर और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य सचिवालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में कुल 6 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें सबसे अहम फैसला जियो थर्मल ऊर्जा नीति को मंजूरी देने को लेकर रहा, जो उत्तराखंड में वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू करेगा।
जमीन की गर्मी से पैदा होगी बिजली: नई नीति का मकसद
कैबिनेट द्वारा स्वीकृत जियो थर्मल पॉलिसी के तहत अब राज्य में जमीन के भीतर मौजूद प्राकृतिक गर्मी का इस्तेमाल बिजली उत्पादन के लिए किया जाएगा। यह तकनीक खासकर उन क्षेत्रों के लिए कारगर मानी जा रही है जहाँ भू-गर्भीय ऊर्जा स्रोत अधिक सक्रिय हैं। ऊर्जा विभाग ने जानकारी दी है कि प्रदेश में 40 स्थानों की पहले ही पहचान की जा चुकी है, जहाँ इस तकनीक के माध्यम से प्लांट स्थापित किए जा सकते हैं।
30 साल के लिए होंगे प्रोजेक्ट आवंटित, निजी क्षेत्र की भागीदारी को मिलेगा प्रोत्साहन
सरकार की योजना है कि ये परियोजनाएं 30 वर्षों की अवधि के लिए निजी कंपनियों को आवंटित की जाएंगी। इसमें यूजेवीएनएल (UJVNL) और उरेडा (UREDA) की साझेदारी से नीति को अमल में लाया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, नीति का उद्देश्य राज्य में स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देना, निवेश आकर्षित करना और रोजगार के नए अवसर सृजित करना है।
वैज्ञानिक शोध और सर्वेक्षण को भी मिलेगा समर्थन
ऊर्जा विभाग के अनुसार, जियो थर्मल संसाधनों की खोज, पहचान और विकास के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस शोध में भूगर्भीय व्यवहारिकता, पर्यावरणीय संतुलन और आर्थिक कारकों को ध्यान में रखकर कार्य किया जाएगा, जिससे किसी भी प्रकार का पारिस्थितिकी नुकसान न हो।
बुजुर्गों को राहत: वृद्धावस्था पेंशन योजना में हुआ बदलाव
कैबिनेट की इस बैठक में सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में भी एक बड़ा फैसला लिया गया। वृद्धावस्था पेंशन योजना में कुछ महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं, जिनका लाभ 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को मिलेगा। हालांकि, संशोधन के बिंदुओं की विस्तृत जानकारी अभी साझा नहीं की गई है, लेकिन सरकार का दावा है कि इससे लाभार्थियों की संख्या और भुगतान प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।
सतर्कता विभाग में नए पद सृजित, होगी निगरानी व्यवस्था मजबूत
सरकार ने प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से सतर्कता विभाग में 20 नए पदों के सृजन को मंजूरी दी है। अब इस विभाग में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 136 से बढ़कर 156 हो जाएगी। इससे भ्रष्टाचार पर नियंत्रण रखने और विभागीय जांचों को समयबद्ध रूप से निपटाने में मदद मिलेगी।
जीएसटी विभाग में भी विस्तार, कर संग्रहण व्यवस्था को मिलेगी मजबूती
वित्तीय ढांचे को मजबूत करने के लिए वाणिज्य कर (GST) विभाग में भी पदों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इससे टैक्स संग्रहण प्रणाली में सुधार और निगरानी की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा। इस फैसले से कर अपवंचना पर लगाम कसने में भी सहायता मिलने की उम्मीद है।
खनन क्षेत्र में पारदर्शिता: बनेगा राज्य खनन न्यास
कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड राज्य खनन न्यास (Mining Trust) के गठन को भी मंजूरी दी गई है। यह न्यास खनन कार्यों में पारदर्शिता लाने, स्थानीय विकास को बढ़ावा देने और खनिज संसाधनों के सतत उपयोग की दिशा में कार्य करेगा। इसके तहत राज्य के खनिज राजस्व का एक हिस्सा स्थानीय विकास कार्यों में उपयोग किया जाएगा।
कैबिनेट के फैसले: एक नजर में
क्रमांक | निर्णय |
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1 | जियो थर्मल ऊर्जा नीति को मंजूरी |
2 | वृद्धावस्था पेंशन योजना में संशोधन |
3 | सतर्कता विभाग में 20 नए पद सृजित |
4 | जीएसटी विभाग में पदों की संख्या में वृद्धि |
5 | उत्तराखंड खनन न्यास के गठन को मंजूरी |
6 | ऊर्जा नीति के तहत वैज्ञानिक शोध और निजी निवेश को बढ़ावा |
क्या है जियो थर्मल ऊर्जा और क्यों है यह खास?
जियो थर्मल ऊर्जा पृथ्वी के अंदरूनी हिस्सों से निकलने वाली गर्मी होती है, जो प्राकृतिक रूप से पृथ्वी के केंद्र से बाहर की ओर आती है। इसे उपयोग में लाकर बिजली, हीटिंग और अन्य औद्योगिक कार्यों में उपयोग किया जा सकता है। यह एक हरित (Green), अक्षय और स्वदेशी स्रोत है, जो पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को घटा सकता है।
उत्तराखंड में क्यों है इसकी संभावनाएं?
उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है, जहाँ भूगर्भीय हलचल और गर्म पानी के स्रोत पहले से मौजूद हैं। यमुना घाटी, बागेश्वर, चमोली जैसे क्षेत्रों में पहले ही भू-गर्भीय ऊर्जा के चिन्ह मिले हैं। ऐसे में जियो थर्मल तकनीक के माध्यम से बिजली उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं।
ऊर्जा क्रांति की ओर उत्तराखंड का एक कदम
इन फैसलों के जरिए उत्तराखंड सरकार ने यह साफ संकेत दिया है कि वह राज्य को ऊर्जा, पारदर्शिता और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। जियो थर्मल ऊर्जा नीति न केवल राज्य की जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि यह भारत में पहली बार किसी राज्य में इस तकनीक को नीति स्तर पर लागू करने की दिशा में भी एक ऐतिहासिक कदम माना जा सकता है।