रिपोर्टर: रूपेश कुमार दास
हाईकोर्ट का फैसले
झारखंड हाईकोर्ट ने भूमि म्यूटेशन प्रक्रिया में लापरवाही और संभावित भ्रष्टाचार के प्रति एक बेहद सख्त रुख अपनाया है और हज़ारीबाग जिले के कटकमदाग अंचलाधिकारी (Circle Officer) को चार सप्ताह के भीतर म्यूटेशन पूरा करने का स्पष्ट निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर समय सीमा का उल्लंघन होता है, तो म्यूटेशन पूरा न करने वाले CO पर ₹50,000 का जुर्माना लगाया जाएगा, जो सीधे याचिकाकर्ता को दिया जाएगा।
मामला गंभीर क्यों?
- याचिकाकर्ता दीपक कुमार ने आरोप लगाया कि 11.5 डिसमिल भूमि के म्यूटेशन के लिए उनसे ₹5 लाख की अवैध मांग की गई। शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, भले ही उन्होंने सिटीजन पोर्टल और अपर समाहर्ता तक लिखित शिकायत भेजी थी।
- कोर्ट ने पाया कि म्यूटेशन पत्र जारी करने वाले पहले और बाद के प्रशासनिक आदेशों में विरोधाभास था, और यह सिद्ध हुआ कि सिर्फ पद के आधार पर कोई आदेश रद्द नहीं किया जा सकता।
हाईकोर्ट का संदेश
- “Mutation जैसी प्रक्रिया जो नागरिक अधिकारों से जुड़ी है, उसमें पारदर्शिता और कानून का कड़ाई से पालन होना चाहिए। कोई भी लापरवाही या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
- कोर्ट ने उपायुक्त को यह भी निर्देश दिया है कि रिश्वत के आरोपों के आधार पर पूर्व CO प्रशांत कुमार के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
प्रशासन के लिए चेतावनी
- यह आदेश केवल कटकमदाग CO के लिए ही नहीं, बल्कि राज्य के सभी Revenue अधिकारियों के लिए एक मजबूत चेतावनी है कि अब म्यूटेशन प्रक्रिया में मनमानी या भ्रष्टाचार का कोई स्थान नहीं होगा।
- अदालतें स्पष्ट कर रही हैं कि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा सर्वोपरि है और सभी मामलों में समयबद्ध एवं पारदर्शितापूर्ण कार्रवाई जरूरी है।