BY: Yoganand Shrivastva
इंदौर, मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक घटना सामने आई जब द्वारिकापुरी थाने में पदस्थ 28 वर्षीय पुलिस सिपाही अनुराग भागोर ने ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मार ली। यह घटना सुबह करीब 5 बजे की बताई जा रही है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।
घटना की जगह और समय
घटना दिग्विजय मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के एक फ्लैट में हुई, जो इंदौर डेवलपमेंट अथॉरिटी (आईडीए) द्वारा निर्मित है। फ्लैट पुलिस विभाग को आवंटित था, और यहां अक्सर विवाद या नशे के मामलों को देखते हुए पुलिसकर्मी की ड्यूटी लगाई जाती है। अनुराग भी इसी सिलसिले में वहां तैनात था।
फोन कॉल्स से दूरी और मानसिक तनाव
घटना के समय अनुराग के साथ ड्यूटी पर तैनात सिपाही मोहित भी मौजूद था। उसने बताया कि अनुराग ड्यूटी के दौरान फोन कॉल्स रिसीव नहीं कर रहा था। इस व्यवहार को असामान्य मानते हुए जब उसने संपर्क करने की कोशिश की, तब तक देर हो चुकी थी। प्रारंभिक जांच में पारिवारिक विवाद, विशेषकर पत्नी से मनमुटाव की बात सामने आ रही है।
लव मैरिज बनी तनाव की वजह?
अनुराग की डेढ़ साल पहले लव मैरिज हुई थी। उनकी पत्नी रानू, धार जिले के मांडव क्षेत्र की रहने वाली है। खबर है कि पिछले 7 दिनों से पत्नी अपने मायके में रह रही थी। बताया जा रहा है कि पत्नी के भाई को करंट लगने के बाद उसका इंदौर के अरविंदो अस्पताल में इलाज चल रहा है, और रानू वहीं मौजूद थी। अनुराग की ड्यूटी बढ़ने के कारण वह अस्पताल या घर नहीं जा पा रहा था, जिससे दोनों के बीच मनमुटाव और भावनात्मक दूरी बन गई थी।
परिवार और प्रोफेशनल पृष्ठभूमि
अनुराग मूलतः अलीराजपुर जिले का निवासी था। उनके परिवार में पिता, जो वेटरिनरी डिपार्टमेंट से रिटायर्ड हैं, एक बड़ा भाई अविनाश और एक छोटा भाई देवेंद्र हैं। अनुराग मंझला बेटा था। परिजनों के अनुसार, वह 10 वर्षों से पुलिस विभाग में सेवाएं दे रहा था। शुरुआत में उसकी पोस्टिंग सर्राफा थाने में थी, लेकिन हाल ही में द्वारिकापुरी थाने में उसका तबादला हुआ था, जिसके बाद उसका ड्यूटी शेड्यूल काफी व्यस्त हो गया था।
गंभीर सवाल और जांच की दिशा
जिस स्थान पर अनुराग ने आत्मघाती कदम उठाया, वह वह फ्लैट है जहां अक्सर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी के दौरान अव्यवस्था की शिकायतें आती रही हैं। पड़ोसी श्याम लाल बामनिया, जो पंडिताई करते हैं, ने बताया कि उन्होंने रात 11 बजे शादी से लौटने के बाद किसी तरह की आवाज नहीं सुनी। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि यह सब अचानक और बहुत निजी तनाव के चलते हुआ।
क्या यह आत्महत्या थी या गहराई में कुछ और?
फिलहाल, पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मानकर जांच कर रही है, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक तनाव और ड्यूटी शेड्यूल को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। अनुराग की आत्महत्या सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि पुलिसकर्मियों की मानसिक स्थिति, वर्कलोड और पारिवारिक जीवन के टकराव को भी उजागर करती है।