रिपोर्ट: रूपेश कुमार दास
हजारीबाग जिले के केरेडारी-बुंडू मुख्य सड़क मार्ग पर स्थित गेरुआ नदी के पास मंगलवार देर रात अज्ञात हमलावरों ने गोलीबारी कर पूर्व टीएसपीसी (तृतीय प्रस्तुति समिति) के सब-जोनल कमांडर अनीश अंसारी की हत्या कर दी। यह घटना इलाके में फिर से नक्सली गतिविधियों और आपसी गैंगवार की आहट को उजागर कर रही है।
8 से 10 राउंड फायरिंग, मौके से बरामद खोखे
पुलिस सूत्रों के अनुसार, हमलावरों ने अनीश पर करीब 8 से 10 राउंड गोलियां चलाईं। मौके से 7–8 खोखे बरामद हुए हैं, और अनीश के शरीर पर गोलियों के कई निशान मिले हैं। घटना की जानकारी बुधवार सुबह केरेडारी थाना प्रभारी विवेक कुमार को मिली, जिसके बाद पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए हजारीबाग मेडिकल कॉलेज भेजा।
मोबाइल से मिल सकते हैं अहम सुराग
मौके से पुलिस ने एक एंड्रॉयड मोबाइल, चार्जर और हेडफोन भी बरामद किया है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में मोबाइल से महत्वपूर्ण जानकारियां मिलने की संभावना जताई जा रही है। पुलिस का मानना है कि अनीश टंडवा थाना क्षेत्र के आम्रपाली कोल माइंस में किसी बड़ी वारदात की साजिश रच रहा था।
पूर्व टीएसपीसी सदस्य था, संगठन से निष्कासित
अनीश अंसारी, रांची के बुढ़मू थाना क्षेत्र के मतवे गांव का रहने वाला था। वह पूर्व टीएसपीसी (TSPC) संगठन में सब-जोनल कमांडर था, लेकिन जुलाई 2024 में उसे अनुशासनहीनता और संगठन को बदनाम करने के आरोप में संगठन से निष्कासित कर दिया गया था।
20 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज
सूत्रों के मुताबिक, अनीश अंसारी पर 20 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह टीएसपीसी के नाम पर अवैध लेवी वसूली करता था और खुद को जोनल कमांडर अभिषेक का करीबी बताता था। पुलिस को शक है कि हत्या के पीछे आपसी वर्चस्व की रंजिश हो सकती है।
इलाके में बढ़ाई गई सुरक्षा, सघन जांच शुरू
घटना के बाद केरेडारी, सीकरी और बड़कागांव थाना क्षेत्रों में पुलिस ने सघन जांच अभियान शुरू कर दिया है। हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है, ताकि हत्या के पीछे की साजिश का पर्दाफाश किया जा सके।
पहले भी रहा है आपसी मुठभेड़ों का गवाह
केरेडारी क्षेत्र पहले भी नक्सली गुटों की आपसी मुठभेड़ों का गवाह रह चुका है। 20 मई 2017 को इसी क्षेत्र में टीएसपीसी के छह हार्डकोर उग्रवादी आपसी संघर्ष में मारे गए थे। इसके अगले दिन, संगठन के दर्जनों सदस्य शव लेने पहुंचे थे, जिससे पूरे क्षेत्र में खौफ और दहशत फैल गई थी।