रिपोर्ट – प्रशांत जोशी
कांकेर जिले के कोड़ेजुंगा बस्ती में एक बार फिर तेंदुआ की दस्तक से लोगों में भारी दहशत फैल गई है। 2 जुलाई की रात करीब साढ़े 10 बजे एक तेंदुआ बस्ती के भीतर देखा गया, जिससे ग्रामीणों में डर का माहौल पैदा हो गया। इस घटना के बाद से लोग रात तो क्या, दिन में भी घरों से निकलने से कतराने लगे हैं।
बस्ती के निवासी विशेष रूप से मजदूरी करके लौटने वाले लोग डरे हुए हैं। शाम 6-7 बजे तक घर लौटने वाले मजदूरों को अब तेंदुए के हमले का डर सताने लगा है। कई लोगों का कहना है कि अगर समय रहते तेंदुआ का रेस्क्यू नहीं हुआ, तो कोई भी बड़ी घटना घट सकती है।
यह पहली बार नहीं है जब तेंदुआ बस्ती में घुस आया हो। इससे पहले भी तेंदुआ कई पालतू जानवरों को शिकार बना चुका है। वन विभाग को कई बार सूचना देने के बावजूद अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे ग्रामीणों में विभाग की कार्यशैली को लेकर गुस्सा है।
1 जुलाई को भी कांकेर के इमलीपारा क्षेत्र में रात साढ़े 9 बजे एक तेंदुआ एक गाय के बछड़े को दबोचते हुए देखा गया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें तेंदुए की बस्ती में निर्भय आवाजाही देखी जा सकती है।
इसी दिन भानुप्रतापपुर की ओर से आ रहे कांकेर निवासी कृष्णा जैन ने भी तेंदुए को सड़क किनारे पत्थरों पर बैठे देखा और इसका वीडियो कैमरे में रिकॉर्ड किया। यह सब घटनाएं इस ओर इशारा करती हैं कि वन विभाग तेंदुए की लगातार बढ़ती सक्रियता को नजरअंदाज कर रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग किसी अप्रिय घटना का इंतजार कर रहा है — शायद तब, जब तेंदुआ किसी इंसान पर हमला करेगा। समय रहते रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं चलाया गया, तो स्थिति और भयावह हो सकती है।