BY: Yoganand Shrivastva
ग्वालियर, ग्वालियर जिले के उटीला थाना क्षेत्र में सोमवार शाम उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक फर्जी गोलीकांड के आरोपी को थाने लाते समय भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया। घटना में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और थाने पर हमले तथा शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के आरोप में केस दर्ज किया गया है।
आरोपी को छुड़ाने के लिए हमला
पुलिस आरोपी बृजेश परिहार को इलाज के बाद जेएएच अस्पताल से थाने ला रही थी। जैसे ही पुलिस टीम थाने के बाहर पहुंची, पहले से मौजूद करीब 25-30 लोगों की भीड़ ने पुलिस वाहन को घेर लिया और बृजेश को छुड़ाने का प्रयास किया।
भीड़ में मौजूद बृजेश का भाई बंटी परिहार और रिश्तेदार रामौतार परिहार ने पुलिसकर्मियों से झड़प की। आरोप है कि बंटी ने थाना प्रभारी शिवम सिंह राजावत की कॉलर पकड़कर उनकी वर्दी फाड़ दी और उनके हाथ पर काट लिया। पुलिस की तत्परता से आरोपी को दोबारा वाहन में बैठाया गया और तुरंत थाने लाया गया।
पुलिस ने किया मोर्चा संभालना
थाना प्रभारी शिवम सिंह राजावत के साथ पुलिस वाहन में प्रधान आरक्षक प्रमोद रावत, अनिल शर्मा, हर्ष कुमार और मुकेश यादव मौजूद थे। जैसे ही स्थिति बिगड़ी, थाने से अतिरिक्त फोर्स बुलाया गया और दो उपद्रवियों — बंटी और रामौतार — को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया।
क्या है फर्जी गोलीकांड की कहानी?
26 जून की रात पुलिस को सूचना मिली थी कि सौंसा रोड पर एक युवक को गोली लगी है। घायल बृजेश ने कुछ लोगों के नाम लिए, लेकिन जांच में पता चला कि यह पूरी कहानी फर्जी थी। पूछताछ में सामने आया कि बृजेश ने अपराधी सचिन फागुना के कहने पर सुपारी लेकर खुद को गोली मारी, ताकि झूठा केस दर्ज हो सके।
इस साजिश में सचिन, मनोज, मोनू, और अरुण भी शामिल थे। पुलिस ने 10 घंटे के भीतर मामले का पर्दाफाश कर दिया और आरोपियों को गिरफ्तार किया।
पुलिस कर रही है आगे की जांच
घटना की जानकारी के बाद पुलिस ने मामले में शासकीय कार्य में बाधा, हमला, और अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। घटनास्थल और थाने के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से पूरी घटना की रिकॉर्डिंग भी खंगाली जा रही है।