BY: Yoganand Shrivastva
जबलपुर/कुशीनगर: एक वायरल वीडियो से शुरू हुई यह कहानी आखिरकार एक निर्दोष शिक्षक की हत्या पर जाकर खत्म हुई। जबलपुर के 45 वर्षीय अतिथि शिक्षक इंद्र कुमार तिवारी की हत्या ने पूरे देश को चौंका दिया है। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक दंपती—कौशल गौर और उसकी पत्नी खुशी उर्फ शाहिदा बानो ने शादी का झांसा देकर न सिर्फ ठगी की, बल्कि इंद्र कुमार की हत्या कर लाश झाड़ियों में फेंक दी।
पूरी प्लानिंग एक वायरल वीडियो से हुई शुरू
मझौली के पड़वार गांव के रहने वाले इंद्र कुमार तिवारी कुछ समय पहले जबलपुर के रिवंझा गांव में अनिरुद्धाचार्य महाराज की कथा में शामिल हुए थे। वहां उन्होंने मंच से सवाल पूछा था—“मेरी शादी कब होगी?”। उनका यह सवाल और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
यहीं से शुरू हुआ इंद्र कुमार की जिंदगी का आखिरी अध्याय। इस वीडियो को देखकर कौशल गौर और उसकी पत्नी शाहिदा बानो (जो अब ‘खुशी’ बन चुकी थी) ने एक ठगी की साजिश रची।
कॉल आया, और शुरू हो गया विश्वास का खेल
17 मई को कौशल ने खुद को खुशी का भाई बताकर इंद्र कुमार को कॉल किया। फिर व्हाट्सएप पर खुशी की तस्वीर भेजी। इंद्र कुमार को लगा, अब उसकी शादी की मुराद पूरी होने वाली है।
26 मई को कौशल खुशी का रिश्ता लेकर जबलपुर पहुंचा। बातचीत के बाद रिश्ता तय हो गया। इंद्र कुमार ने खुशी को शगुन में 1100 रुपये भी दिए। शादी के लिए 5 जून की तारीख तय हुई, जगह थी उत्तर प्रदेश का गोरखपुर।
जमीन गिरवी, जेवर बनवाए, लाखों खर्च किए
शादी की उम्मीद में इंद्र कुमार ने अपनी एक एकड़ जमीन गिरवी रखकर करीब डेढ़ लाख रुपये जुटाए। इससे सुनार से नए जेवर बनवाए और कुछ पुश्तैनी गहने भी साथ लिए। नकद पैसे लेकर 2 जून को गोरखपुर के लिए रवाना हो गए।
5 जून को गोरखपुर के एक होटल में धूमधाम से शादी हुई। उसी शाम इंद्र ने अपनी फोटो परिजनों और पड़ोसियों को भेजी और बताया कि अगले दिन पत्नी के साथ घर लौटेंगे।
मगर कहानी में आ गया खौफनाक मोड़
शादी के अगले दिन जब इंद्र ने खुशी से कहा कि चलो घर चलते हैं, तो वह टालमटोल करने लगी। इंद्र को शक हुआ और उन्होंने शादी में हुए खर्च और गहने वापस मांगे।
इसके बाद कौशल और खुशी ने बहाने से इंद्र को कुशीनगर के चक नीलकंठ गांव बुलाया। वहां सुनसान जगह पर इंद्र पर चाकुओं से हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। फिर लाश को झाड़ियों में फेंक दिया।
उनकी सोच थी कि शव सड़ जाएगा और इंद्र की पहचान नहीं हो पाएगी।
फोन हुआ बंद, परिजन हुए परेशान
5 जून को इंद्र ने अंतिम बार संपर्क किया था। इसके बाद उनका फोन बंद हो गया। 8 जून को परिजनों ने मझौली थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई। पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस और सोशल मीडिया से जांच शुरू की।
27 जून को मिला शव, तस्वीर ने खोली सारी कहानी
27 जून को कुशीनगर के हाटा थाना क्षेत्र में झाड़ियों से एक अज्ञात शव मिला। पुलिस ने जब जबलपुर पुलिस से संपर्क किया और परिजन पहुंचे, तो पुष्टि हुई कि वह शव इंद्र कुमार तिवारी का है।
शव के पास न मोबाइल मिला, न नकदी, न गहने—बस खून से लथपथ लाश पड़ी थी।
तस्वीर बनी हत्यारों की पहचान की चाबी
इंद्र की भेजी गई शादी की तस्वीर से पुलिस ने जांच शुरू की और जल्द ही देवरिया जिले से खुशी उर्फ शाहिदा बानो और कौशल गौर को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में दोनों ने जुर्म कबूल लिया। पुलिस को पता चला कि खुशी असल में मुस्लिम थी, जिसने हिंदू धर्म अपना लिया था और कौशल से शादी कर खुशी बन गई थी।
और खुल रहे हैं राज़…
पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि कहीं इस दंपती ने ऐसे और लोगों को तो नहीं फंसाया?
शादी के नाम पर ठगी और हत्या की यह वारदात पूरे प्रदेश में सनसनी बन चुकी है। सोशल मीडिया पर भी यह मामला तेजी से वायरल हो रहा है।