एक दौर था जब मोबाइल चोरी, गुम या लूट होने के बाद उसका वापस मिलना लगभग नामुमकिन माना जाता था। लेकिन अब तकनीक और सायबर विशेषज्ञता की मदद से पुलिस ऐसे मामलों में लगातार सफलता हासिल कर रही है। इसी कड़ी में जिले की सायबर पुलिस ने सर्विलांस और आधुनिक उपकरणों की मदद से 100 मोबाइल फोन बरामद कर उनके असली मालिकों को लौटाए हैं।
पुलिस कंट्रोल रूम में किया गया वितरण
शनिवार को पुलिस कंट्रोल रूम में एक सादे कार्यक्रम के तहत पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीना ने स्वयं मोबाइल धारकों को उनके खोए या चोरी हुए मोबाइल लौटाए। इस मौके पर जिन लोगों को अपने मोबाइल वापस मिले, उनके चेहरे पर संतोष और मुस्कान साफ देखी जा सकती थी।
“उम्मीद छोड़ दी थी, पुलिस ने चमत्कार कर दिया”
मोबाइल प्राप्त करने पहुंचे कई नागरिकों ने कहा कि उन्होंने तो अपने मोबाइल के वापस मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी थी। लेकिन जब पुलिस से फोन आया कि उनका मोबाइल मिल गया है, तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ। मोबाइल धारकों ने पुलिस की तत्परता और सायबर टीम के प्रयासों की खुलकर तारीफ की।
एसपी ने कहा – तकनीक के साथ विश्वास भी जरूरी
एसपी धर्मराज मीना ने कहा कि मोबाइल गुम या चोरी होने के बाद अक्सर लोग एफआईआर दर्ज नहीं कराते, जिससे ट्रेसिंग में परेशानी होती है। उन्होंने अपील की कि अगर किसी का मोबाइल गुम होता है तो तुरंत नजदीकी थाने या सायबर सेल में इसकी जानकारी दें, ताकि समय रहते उसे ट्रेस किया जा सके।
सायबर टीम की सतर्कता से मिली बड़ी सफलता
जिला सायबर टीम ने सर्विलांस, IMEI ट्रैकिंग और लोकेशन बिंदुओं की मदद से मोबाइल की तलाश की और विभिन्न स्थानों से इन मोबाइलों को बरामद किया। इनमें से कई मोबाइल दूसरे जिलों और राज्यों में भी ट्रेस किए गए थे।
जनता में विश्वास, पुलिस की कार्यकुशलता
इस सफल कार्रवाई से एक बार फिर यह प्रमाणित हुआ है कि आधुनिक सायबर तकनीक के जरिए अब मोबाइल चोरी या गुम होने पर भी उसे वापस पाना संभव है—बस जरुरत है समय रहते शिकायत दर्ज करने और तकनीक पर विश्वास रखने की।