BY: Yoganand Shrivastva
तेहरान, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिका को चेताते हुए कहा है कि अगर अमेरिका, इजरायल के साथ जारी संघर्ष में सीधे शामिल होता है, तो इसके परिणाम बेहद गंभीर और व्यापक होंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि ईरान किसी भी सैन्य हस्तक्षेप को पूरी तरह अस्वीकार करता है और इसका असर वैश्विक स्थिरता पर भी पड़ सकता है।
अमेरिकी हस्तक्षेप पर जताई चिंता
अराघची ने इस्तांबुल में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यदि इजरायल के पक्ष में सैन्य कार्रवाई का विकल्प चुनते हैं, तो यह “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और सभी के लिए खतरनाक” होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका को संयम बरतना चाहिए और कूटनीति को प्राथमिकता देनी चाहिए।
इजरायल से बातचीत की शर्त पर रोक
जिनेवा में अंतरराष्ट्रीय वार्ता के बाद ईरानी मंत्री ने स्पष्ट किया कि जब तक इजरायल फिलिस्तीन पर हमले जारी रखता है, तब तक अमेरिका से किसी भी प्रकार की बातचीत संभव नहीं है। अराघची ने कहा कि ईरान शांति वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन इजरायली आक्रामकता के बीच अमेरिका से कोई संपर्क नहीं किया जाएगा।
हम पर थोप दिया गया है युद्ध: अराघची
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में बोलते हुए अराघची ने कहा कि इजरायल ने ईरान के खिलाफ युद्ध जबरन थोपा है। उन्होंने इजरायल पर फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर अवैध कब्जा और अत्याचार करने का आरोप लगाया। ईरानी मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे इजरायल की नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों।
क्षेत्रीय शांति के लिए कूटनीति ज़रूरी
अराघची ने आगे कहा कि अमेरिकी हस्तक्षेप से पश्चिम एशिया की स्थिरता और सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा, “शांति और स्थायित्व केवल तब संभव है जब सभी पक्ष युद्ध के बजाय संवाद और कूटनीतिक समाधान को प्राथमिकता दें।”
ईरान की यह कड़ी प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब इजरायल और फिलिस्तीन के बीच तनाव चरम पर है, और अमेरिका के संभावित सैन्य हस्तक्षेप की चर्चा भी तेज हो चुकी है। ईरान ने स्पष्ट कर दिया है कि वह दबाव में झुकने वाला नहीं है और किसी भी बाहरी हस्तक्षेप के खिलाफ पूरी ताकत से खड़ा रहेगा।