BY: Yoganand Shrivastava
मुंबई: मराठी थिएटर और टेलीविज़न इंडस्ट्री से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। अनुभवी अभिनेता तुषार घाडीगांवकर ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, उन्हें लंबे समय से काम नहीं मिल रहा था, जिससे वे मानसिक तनाव में थे। उनके एक करीबी मित्र ने सोशल मीडिया पर इस घटना की जानकारी साझा की, जिससे पूरी इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है।
अभिनय की दुनिया में एक समर्पित कलाकार
तुषार घाडीगांवकर मूल रूप से सिंधुदुर्ग जिले के कंकावली के निवासी थे। उन्होंने अपनी अभिनय यात्रा रूपारेल कॉलेज के नाट्य विभाग से शुरू की थी। इसके बाद वे थिएटर, धारावाहिक और फिल्मों में सक्रिय हो गए। उनका अभिनय विभिन्न मंचों पर सराहा गया, लेकिन हालिया समय में उन्हें प्रोजेक्ट्स की कमी का सामना करना पड़ रहा था।
मानसिक दबाव के कारण लिया आत्मघाती कदम
सूत्रों के अनुसार, तुषार काम की लगातार कमी और मानसिक तनाव से जूझ रहे थे। उनका ये फैसला न केवल उनके करीबी लोगों को, बल्कि पूरी मराठी कला जगत को झकझोर कर गया है।
साथियों की श्रद्धांजलि
‘चला हवा येऊ द्या’ फेम अभिनेता अंकुर वधे ने फेसबुक पर लिखा:
“क्यों दोस्त? किसलिए? काम तो आता-जाता रहता है। हमें रास्ते निकालने चाहिए, आत्महत्या कोई समाधान नहीं है। तुषार, अगर तुम हार गए तो हम सब हार गए।”
इसके अलावा मुग्धा गोडबोले, समीर पाटिल, और अभिषेक देशमुख जैसे कलाकारों ने भी सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया।
अभिनय सफर: छोटे-बड़े रोल में बेमिसाल छाप
तुषार ने कई प्रसिद्ध मराठी नाटकों, फिल्मों और टीवी शोज़ में काम किया था। इनमें शामिल हैं:
- लवंगी मिर्ची
- मन कस्तूरी रे
- बाहुबली (नाटक)
- उनाद
- ज़ोम्बिएली
- सुखाचा सरिनी
- हे मन बावरे
- संगीत बिबत आख्यान
हाल ही में वे सुन मराठी चैनल पर प्रसारित धारावाहिक ‘सखा माझा पांडुरंग’ में नजर आए थे।
निष्कर्ष
तुषार घाडीगांवकर की आत्महत्या ने एक बार फिर मनोरंजन जगत में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना बताती है कि पर्दे के पीछे कलाकारों को किस तरह के दबावों का सामना करना पड़ता है। जरूरत इस बात की है कि इंडस्ट्री में संवेदनशीलता और सहयोग का वातावरण बनाया जाए।